रायगढ़। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ थी भ्रष्टाचार आर्थिक अनियमितता और कमीशन खोरी जैसे मुद्दे को लेकर भाजपा बेहद मुखर हो गई है। जिले के किरोड़ीमलनगर नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ इसी मुद्दे को लेकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन कलेक्टर को दिया गया है। नए साल के पहले ही दिन भाजपा के साथ कांग्रेस पार्षदों ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्टर से भेंट की।
खास बात यह है कि किरोड़ीमल नगर के नगर पंचायत में कांग्रेस के हरि किशोर चंद्रा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मनीष शर्मा के सहित कुल 10 पार्षद निर्वाचित हुए थे। जिसमें से पांच पार्षद बीजेपी के समर्थन में आ गए हैं, जिससे भाजपा-कांग्रेस के पार्षद अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे हैं। दरअसल छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही भाजपा भ्रष्टाचार आर्थिक अनियमित कमीशन खोरी के मामलों को लेकर मुखर होती जा रही है। इसी क्रम में आज नए साल के पहले ही दिन किरोड़ीमलनगर नगर पंचायत के भाजपा पार्षदों का दल कलेक्ट्रेट पहुंचा था। बताया जाता है कि नगर पंचायत में कांग्रेस की सत्ता है जहां बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता के साथ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का बोल-बाला है।
जिससे भाजपा सहित कांग्रेस के पार्षदों में नगर पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की कार्यशैली को लेकर बड़ी नाराजगी है। कलेक्टर के नाम दिए गए आवेदन में भाजपा और कांग्रेस के पांच पार्षदों ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। बताया जाता है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने दिए गए आवेदन में भाजपा पार्षद अमित सिदार, सविता सिंह, विमला राय, नंदकुमार यादव और प्रेमलता साहू के अलावा कांग्रेस के पार्षद सुनीता मोहन विश्वकर्मा, सुनीता चौहान, कमला साहू, जसिन्ता बड़ा और संतोष साहनी ने हस्ताक्षर किए हैं। पार्षदों का आरोप है कि नगर पंचायत अध्यक्ष के द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, आर्थिक अनियमितता और कमीशनखोरी करने के कारण आम जनता सहित पार्षद परेशान हैं।
कलेक्टर को दिए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों से 50 हजार से 1 लाख तक वसूल किया जा रहा है। रोड, नाली निर्माण कार्यों में गुणवत्ता विहीन कार्यों को कराकर ठेकेदारों से 20 से 25 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है। नगर के शासकीय जमीनों में दलालों से सांठ-गांठ कर चार लाख-पांच लाख रुपए में शासकीय जमीन बेचना कोकड़ीतराई जलाशय, इंदिरा आवास मोहल्ला की जमीन को बेचा जा रहा है। यह भी आरोप लगाया गया है कि अध्यक्ष की निष्क्रियता से नगर के कई प्रमुख कार्य नहीं हो पाए हैं। तालाब सौंदर्यीकरण, छठ घाट, पचरी निर्माण, खेल मैदान, स्टेडियम निर्माण, स्कूलों में बच्चों के लिए पर्याप्त बैठक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस तरह आम जनता का कार्य बिना कमीशन लिए नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर को आवेदन सौंपने आए पार्षदों ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मांग की है।
कलेक्टर से मिला भाजपा का प्रतिनिधिमंडल
नगर पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को आवेदन देने आए पार्षदों के साथ भाजपा नेता भी मौजूद रहे। बताया जाता है कि वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल सिंह ठाकुर के नेतृत्व में पार्षद कलेक्टोरेट पहुंचे थे। इस दौरान मामले की जानकारी मिलते ही भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गुरुपाल भल्ला, विवेक रंजन सिन्हा, श्रीकांत सोमावार, सुभाष पाण्डेय, आशीष ताम्रकार भी कलेक्ट्रेट पहुंच गए। भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ पार्षदों ने कलेक्टर को नगर पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन सौंपा। इस दौरान रायगढ़ पश्चिम मंडल के भाजपा अध्यक्ष लोचन पटेल, महामंत्री दिनेश उरांव, अजय अग्रवाल, यशवंत गुप्ता, राकेश पटेल, बालकृष्ण साहू, रामकिशोर सिंह, पिंटू सिंह, राहुल ठाकुर और आर एस साहू प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
कहीं कांग्रेस को घेरने की रणनीति तो नहीं?
कांग्रेस के नगर पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाजपा नेता बेहद मुखर नजर आए। बताया जाता है कि भाजपा अविश्वास प्रस्ताव के सहारे किरोड़ीमलनगर के नगर पंचायत की कांग्रेस सरकार को गिराकर यह संदेश देने की कोशिश में जुटी है कि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी भाजपा शासन काल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजनीति के जानकारों की माने तो भाजपा खरसिया विधानसभा क्षेत्र में अपनी धमक दिखाने की तैयारी में है। इसे खरसिया क्षेत्र में कांग्रेस को घेरने की एक रणनीति की तरह भी देखा जा रहा है। बहरहाल अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को दिए गए आवेदन के बाद किरोड़ीमलनगर सहित खरसिया क्षेत्र की राजनीति में गर्माहट आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए सम्मिलन की तिथि निर्धारित होने के बाद प्रस्ताव पर वोटिंग किसके पक्ष में गिरता है।