रायगढ़। वर्ष 2023 खुद को अलविदा कहने जा रहा है। यूं तो समय किसी का इंतजार नहीं करता, उसकी गति निरंतर जारी रहती है। इंसान को ही वक्त के साथ चलना पड़ता है। कल रविवार इस साल का अंतिम दिन होगा। वर्ष 2023 की बात करें तो यह साल अलग-अलग क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ चुका है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस साल छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दृष्टि से बड़ा परिवर्तन हुआ। कांग्रेस की सरकार हाथों से फिसल कर भाजपा की झोली में आ गई। इस राजनीतिक बदलाव का सबसे बड़ा कारण आम जनता रही। छत्तीसगढ़ के आम चुनाव में जनता ने एक नया जनादेश देकर प्रदेश का नेतृत्व भाजपा के हाथों में सौंप दी। इस दृष्टि से वर्ष 2023 राजनीतिक कारणों को लेकर याद किया जाएगा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए सत्ता परिवर्तन का साल रहा।
चुनाव की बात चल पड़ी है तो इसी का जिक्र करना यहां मुनासिब लगता है। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि लोकतंत्र में राजनीति का बड़ा महत्व रहता है। राजनीतिक दल ही सत्ता में रहकर शासन चलाते हैं। जाहिर है राजनीतिक दलों की कार्यशैली और नीति-रीति का प्रभाव शासन में परिलक्षित होता है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 के चुनाव में भी सत्ता परिवर्तन का जनादेश आया था। जिससे भाजपा लगातार 15 वर्ष तक छत्तीसगढ़ की सत्ता में रहने के बाद बेदखल हो गई थी। वर्ष 2023 में आए जनादेश ने भाजपा को एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सत्ता पर रहने का अवसर दे दिया। इस मायने 2023 राजनीतिक दृष्टि से भाजपा के लिए बेहद सुखद रहा। वहीं कांग्रेस के हिस्से में यह साल सत्ता से बाहर होने का बन गया। बताया जाता है कि समय किसी का इंतजार नहीं करता उसके साथ चलने की जरूरत होती है। राजनीतिक नजरिया से रायगढ़ के लिए भी यह साल बेहद खास माना जा सकता है। विधानसभा चुनाव में रायगढ़ जिले की चार सीटों में से रायगढ़ को छोडक़र तीन सीट पर कांग्रेस अपनी दखल बरकरार रखने में कामयाब रही। खरसिया से उमेश पटेल, धर्मजयगढ़ से लालजीत सिंह राठिया जहां तीसरी बार अपने विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व करने में सफल हुए। वहीं रायगढ़ सीट पर भाजपा के ओपी चौधरी को इस क्षेत्र की जनता ने रिकॉर्ड तोड़ आशीर्वाद देकर जता दिया कि वह यहां बदलाव चाह रहे थे। यही जनादेश छत्तीसगढ़ में भी जनता ने बहुमत भाजपा के पक्ष में देकर किया। कहने का आशय यह है कि 2023 इतिहास में छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के लिए याद किया जाएगा। इस सत्ता परिवर्तन के साथ छत्तीसगढ़ की जनता ने बदलाव का जो जनादेश दिया है। उसके संकेत भी सत्ताधारी दल को समझने की जरूरत है। शासन प्रशासन की कार्य शैली में क्या बदलाव होंगे, आम जनता की समस्याएं और उनकी जरूरत को लेकर रीति और नीति में क्या बदलाव होना चाहिए? इन्हीं सवालों के साथ 2023 विदा होने की दिशा में बढ़ गया है। कल रविवार को सूर्यास्त के साथ 2023 खुद को अलविदा कह देगा। और रात बीतने के साथ सुबह की पहली किरण 2024 का स्वागत करने आतुर दिखेगी और समय फिर अपनी इस गति के साथ चल पड़ेगा। 2024 के नए सफर की ओर।
दे गया खुशहाली का संदेश!
यह साल रायगढ़ के लिए इसलिए भी बेहद खास माना जा सकता है कि 2023 ने रायगढ़ को छत्तीसगढ़ की सत्ता में एक मंत्री दे दिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले ओम प्रकाश चौधरी कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। वित्त विभाग के साथ पर्यावरण और आवास विभाग के कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के लिए 2023 बेहद सौभाग्यशाली रहा। रायगढ़ की जनता भी स्वयं को सौभाग्यशाली मान रही है कि क्षेत्र का नेतृत्व एक पूर्व आईएएस और अब के राजनेता के हाथों में सौंपी गई है। राजनीतिक बदलाव के साथ लोगों में खुशहाली का संदेश लेकर आए 2023 को रायगढ़ की जनता अपने स्मृतियों में सहेज कर रखना चाहेगी कि उसने जो निर्णय लिया, उस फैसले से आम आदमी के हिस्से में कितनी खुशहाली आती है।
अलविदा- 2023, छत्तीसगढ़ में रहा सत्ता परिवर्तन का साल
बदलाव के जनादेश के लिए याद किया जाएगा 2023
