रायगढ़। जिले के प्रथम इंजीनियरिंग कॉलेज केआईटी की समस्या किसी से छिपी नहीं है कर्मचारियों को बिना वेतन कार्य करते 21 माह से अधिक हो चुके हैं। राज्य विधानसभा चुनाव से पहले के आई टी कर्मियों ने 77 दिनों तक क्रमिक भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन कर सभी का ध्यान इस समस्या की ओर आकृष्ट किया था ,पर आचार संहिता लगते ही आंदोलन समाप्त करा दिया गया था।
नई सरकार के गठन के साथ समस्या के समाधान की उम्मीद बढ़ गई है। जिले के निर्धन छात्र-छात्राओं के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा का एकमात्र विकल्प करोड़ों के भवनों व 70 के लगभग अनुभवी कर्मचारियों से युक्त के आई टी अब अपने दिन फिरने के इंतजार में है। हर लोकसभा में आईआईटी की तर्ज में सीआईटी खोलने की मोदी की गारंटी बन सकती है माध्यम वर्तमान भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में , जिसे मोदी की गारंटी के रूप में जारी किया गया था , सभी लोकसभा में आईआईटी की तर्ज पर सीआईटी (छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी )खोले जाने की बात कही थी स रायगढ़ लोकसभा में केआईटी का पुनरुत्थान करके इसके बृहद अधो संरचना का लाभ सीआईटी के रूप में जनता को लोकसभा चुनाव के पहले ही दिया जा सकता है। इससे शासन का समय एवं बजट दोनों बचेगा और इस महाविद्यालय की समस्या का पूर्ण निदान भी हो सकेगा। ओपी है तो उम्मीद है वाले नारे ने इस उम्मीद को नए पंख लगा दिए हैं।
वित्त मंत्री ओपी चैधरी व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दोनों कर चुके हैं के आई टी के शासकीयकरण की मांग
लोकसभा सांसद रहते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 2013 में केआईटी के शासकीयकरण की मांग तात्कालिक मुख्यमंत्री रमन सिंह से की थी। इसके लिए उनके द्वारा पत्र भी लिखा गया था। ओपी चैधरी द्वारा विभिन्न मंचों से केआईटी के शासकीयकरण की मांग की जाती रही है और इस बाबत उन्होंने पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को पत्र भी लिखा था। आज मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दोनों ही सत्ता के शिखर पर हैं। पूर्व में रायगढ़ कलेक्टर द्वारा भी के आईटी के पूर्ण शासकीयकरण का प्रस्ताव बनाकर दो दो बार मंत्रालय प्रेषित किया जा चूका है। तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने भी संचालक मण्डल के अध्यक्ष तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री के नाते शासकीयकरण की कार्यवाही की थी जो आज तक वित्त विभाग के अनुमोदन के इंतजार में अटकी पड़ी है। वर्तमान समय में ‘समय’ ने करवट ली है। वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक ओपी चैधरी स्वयं हैँ। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पूर्व केआईटी की समस्या का समाधान कर रायगढ़ को सौगात दी जा सकती है, ऐसा विश्वास रायगढ़ की जनता को है।
केआईटी के कर्मचारियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपने बकाया वेतन एवं समस्या के समाधान के लिए निवेदन किया है। जल्द ही उनकी समस्या का समाधान हो इसकी उम्मीद बलवती हो गई है।