रायगढ़। वन मंडल रायगढ़ के अंर्तगत कई आरामिल संचालित होते हैं, लेकिन इनकी जांच नियमित रूप से नहीं होती। ऐसे में जंगलो से कटने वाले अवैध पेड़ों के लठ्ठे यहीं खफते हैं। इस बार किसी तरह रायगढ़ रेंज के अधिकारियों को इसकी सुध आयी और अब रूटिन जांच के लिए विभाग के कर्मचारी आरामिल पहुंच रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार को मि_ूमुड़ा क्षेत्र स्थित मनोज टिंबर में जांच की गई। जहां मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक मि_ूमुड़ा क्षेत्र के आरामिल मनोज टिबंर जिसे अब रश्मि टिंबर के नाम से जानते हैं। वहां वन विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची। इस आरामिल में काफी मात्रा में लकडिय़ों का भंडारण था। ऐसे में जांच में कर्मचारियों ने अपनी प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए पूरे आरामिल को देखा और यहां रखे चिरानों व चैखट की लकडिय़ों का नापजोख किया। इसके अलावा इससे संबंधित दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि रूटिन जांच के लिए यहां विभाग के कर्मचारी यहां पहुंचे थे और पूरे आरामिल की जांच की जा रही थी। बताया जा रहा है कि अभी यह जांच बाकी है क्योंकि बारिकियों से पूरे दस्तावेज का जायजा भी लिया जाएगा और किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
उड़ाते हैं नियमों की धज्जियां
विभाग के द्वारा आरामिलों में नियमित रूप से रूटिन जांच की जानी है और इसी के तहत विभाग के कर्मचारी शुक्रवार को जांच करने पहुंचे। इसके अलावा अन्य आरामिलों में भी जांच की गई, लेकिन किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पाए जाने की बात कही जा रही है। फिलहाल यह जरूरी है कि विभाग आरामिलों पर विभाग लगाम लगाए। सूत्रों की माने तो आरामिल संचालको के द्वारा नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। कुछ आरामिल को तो सूर्योदय के बाद भी संचालित होते देखे जा सकते हैं। ऐसे में आरामिल के संचालक कई तरह से नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
तब सील हुए थे आरामिल
विदित हो कि करीब तीन से चार साल पहले जब रायगढ़ रेंजर राजेश्वर मिश्रा थे, तब उन्होंने शहर के आरामिलों में जबरदस्त कार्रवाई की थी। सभी आरामिलों की जांच की गई, तो कई आरामिलों में कई गड़बड़ी पायी गई। ऐसे में उन आरामिलों को सील करने की कार्रवाई की थी। इसके बाद से दोबारा उस तरह की कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। जबकि आरामिलों की बारिकियों से जांच की जाए तो अनियमित्ता जरूर पायी जाएगी।