रायगढ़. नेशनल हाईवे के किनारे बेतरतीब खड़ी भारी वाहन लगातार हादसों को न्यौता दे रहे हैं, लेकिन इन वाहन चालकों पर न तो कार्रवाई हो रही है और न ही इसे हटाने यातायात विभाग किसी तरह की कारगर पहल कर रहा है, ऐसे में यह कहा जा रहा है कि नए सरकार बदलाने के बाद हादसों में कमी लाने इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि चाहे रायगढ़-सारंगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग हो या रायगढ़-खरसिया एनएच हो, यहां दिन हो या रात सडक़ किनारे कतारबद्ध तरीके से भारी वाहन के चालकों द्वारा गाड़ी को खड़ी कर दी जा रही है, उसके बाद जो सडक़ें बचती है उसमें तेजी से अन्य वाहनों का रेलम-पेल लगे रहता है। ऐसे में छोटे वाहन चालक व स्कूल जाने वाले बच्चों को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही आए दिन हो रहे हादसों को देखते हुए अब पालक भी परेशान नजर आते हैं। वहीं पालकों का कहना है कि जब तक बच्चे सकुशल वापस नहीं लौट जाते, तब तक उनकी चिंताएं बनी रहती है, लेकिन इसके बाद भी इन वाहन चालकों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना समझ से परे हैं। साथ ही रात के समय भी ये वाहन चालक बगैर लाइट जलाए खड़ी करते हैं, जिससे रात में सफर करने वाले बाइक चालक व कार चालक सामने से वाहन आते ही अनियंत्रित होकर खड़ी वाहनों से जाकर टकरा जा रहे हैं, जिससे कई लोगों की जान चली जाती है। जिससे किसी की मौत हो जाती है तो कोई अस्पताल के बेड में महिनों उपचार कराने को मजबूर रहता है। वहीं देखा जाए तो इन दिनों शहर से लगे कबीर चौक से लेकर कोड़ातराई तक सडक़ किनारे दर्जनों गांव है, जहां बहुत सारे स्कूल भी संचालित है, जहां सुबह से ही बच्चे पैदल व साइकल से आना-जाना करतेे हैं, लेकिन इस मार्ग पर दोनों तरफ भारी वाहनों के खड़े होने के कारण इन बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही रायगढ़-खरसिया एनएच-49 की भी यही स्थिति है, इस मार्ग के दोनों तरफ हमेशा वाहनों की कतार लगी रहती है।
इस संबंध में ग्रामीणों की मानें तो रायगढ़-सारंगढ़ एनएच पर कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी न चाहते हुए भी बच्चों को पैदल या सायकल से स्कूल भेजना पड़ता है,लेकिन बेतरतीब खड़ी वाहनों के बीच से इनको गुजरना काफी मुश्किल होता है, सडक़ के दोनों तरफ वाहन खड़ी रहती है और उसी में तेज गति से अन्य वाहनों का भी आना-जाना लगा रहता है, जिससे हमेशा हादसों का भय बने रहता है।
सडक़ बन गया गैरेज
गौरतलब हो कि रायगढ़-खरसिया एनएच-49 पर कबीर चौक से लेकर ट्रांसपोर्टनगर के आगे तक सडक़ के दोनों छोर पर भारी वाहनों को खड़ी कर सुधार कार्य किया जाता है। ऐसे में देखा जाए तो यह सडक़ ही पूरी तरह से गैरेज बन गया है। हालांकि इसकी जानकारी पुलिस विभाग को भी है, लेकिन इसके बाद भी न तो वाहन चालकों पर कार्रवाई होती और न ही गैरेज संचालकों पर, जिसके चलते शाम होते ही हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
हादसे को रोकने जरूरी है वाहनों को हटाना
उल्लेखनीय है कि जिले में हो रहे लगातार हादसे को देखते हुए कई बार राजधानी से टीम भी जांच के लिए पहुंची है, जिनके द्वारा कई सडक़ों को ब्लैक स्पाट भी घोषित किया गया है, लेकिन इसके बाद भी हादसों की संख्या में कुछ खास कमी आते नजर नहीं आ रही है, ऐसे में जब तब एनएच किनारे खड़ी भारी वाहनों को नहीं हटाया जाएगा तब तक कुछ खास राहत नहीं मिलेगी। ऐसे में अब आमजनों का कहना है कि अब नए सरकार बनने के बाद नियमों में भी बदलाव होगा, जिससे इन वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।