नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की कैश फॉर क्वेरी केस में सांसदी रद्द कर दी गई है. संसद की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने ध्वनिमत से ये प्रस्ताव पारित करके मोइत्रा को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. विपक्षी इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं तो वहीं बीजेपी आरोप लगा रही है कि सांसद महुआ मोइत्रा ने विशेषाधिकार की धज्जियां उड़ाई। दरअसल, पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी की सांसद रहीं महुआ मोइत्रा पर दो संगीन आरोप लगे थे. पहला आरोप था कि 2019-23 के बीच महुआ मोइत्रा के लॉगिन से 61 बार सवाल पूछा गया, जो महुआ की तरफ से दर्शन हीरानंदानी ने पूछा था. दूसरा आरोप था कि महुआ ने संवेदनशील जानकारियों वाला संसदीय लॉग इन आईडी और पासवर्ड दूसरे शख्स को दे दिया था. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दी गई लिखित शिकायत के आधार पर संसद की एथिक्स कमेटी ने संज्ञान लिया।
महुआ मोईत्रा की सांसदी छिनी

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lochan Gupta
