रायगढ़। मिचौंग तूफान के चलते जिले में विगत दो दिनों तक लगातार वर्षा के बाद शुक्रवार से बारिश बंद हो गई है। जिससे किसानों को राहत मिली है। हालांकि मौसम अभी पूरी तरह से साफ नहीं हुई है, लेकिन शनिवार से धूप निकलने की संभावना है, जिससे भीगे हुए धान को सुखाने की कार्य में किसान जुट जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि विगत दो दिनों से जिले में लगातार हुई बारिश से किसानों की चिंताएं बढ़ गई थी। ऐसे में शुक्रवार को सुबह से धूप निकल गया था, लेकिन इस बीच कभी बादल तो कभी धूप होने कुछ हद तक राहत मिली थी, ऐसे में अब मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार से मौसम पूरी तरह से साफ हो जाएगा, साथ ही अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री क्रमिक वृद्धि होने तथा न्यनतम तापमान में तीन से चार डिग्री गिरावट होने की संभावना बन रही है। ऐसे में अगले तीन-चार दिन जिले में ठंड भी बढऩे की संभावना है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार अब मौसम पूरी तरह से शुष्क रहेगी। वहीं शुक्रवार को बारिश बंद होते ही दोपहर बाद किसान खेतों की ओर निकल पड़े थे। इस दौरान खेतों में खडी फसल जमीन पर गिर गए थे और कुछ खेतों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में किसानों का कहना था कि एक-दो दिन बाद जब मौसम पूरी तरह से साफ हो जाएगा, तब धान फसल की कटाई शुरू करेंगे। हालांकि जिन खेतों में पानी लगा हुआ है, उसे सुखने में करीब सप्ताहभर का समय लगेगा। उसके बाद ही कटाई शुरू पाएगी। वहीं कुछ किसान खुद से काटने की बात कह रहे हैं। क्योंकि जब तक खेत सुखेगा, तब तक धान के बाली से अंकुर निकलने लगेगा, जिससे इनको काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
हार्वेस्टर संचालकों की बढ़ी मुशीबत
इस सबंध में हार्वेस्टर मशीन संचालकों की मानें तो मिचौंग तूफान के चलते इनको भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है। क्योंकि इस बारिश के चलते सभी खेतों में पानी भर गया है, वहीं मौसम को देखते हुए किसान भी लगातार इनसे संपर्क कर रहे हैं ताकि उनका धान फसल की कटाई जल्दी हो सके, लेकिन समस्या यह है कि खेत गिला होने के कारण मशीन के पहिए फंस रहे हैं, जिससे कटाई करने में समस्या आ रही है। ऐसे में जहां मशीन संचालकों को नुकसान हो रहा है तो वहीं किसानों को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
अंकुरित होने का सता रहा भय
इस संबंध में पुसौर क्षेत्र के किसान मोरध्वज गुप्ता ने बताया कि बेमौसम बारिश के चलते धान के पौधे जमीन पर गिर गया है। जिसे कटाई के दौरान दाने भी ज्यादा झडेंगे। साथ ही जिन खेतों में पानी है, वहां के बाली में अंकुर भी आने लगा है। जिससे काफी नुकसान हो रहा है। वहीं कई किसान पहले कटाई कर खलिहान में धान को डंप किए हैं, लेकिन उसको कव्हर करने के बाद भी उसमें नमी आ गई है। ऐसे में अब उस धान को सूखाना पडैग़ा, जिससे दाना काला होने का भय बना हुआ है। साथ ही जब तक धान अच्छे से सुखेगा नहीं तब तक केंद्रों में बिक्री भी नहीं होगी, ऐसे में किसानों को इस बारिश के चलते चारों तरफ से मार पड़ रही है।