रायगढ़। विगत तीन दिनों से पिश्चमी विक्षोभ व बंगाली की खाड़ी से उठे मिचौंग तूफान के चलते जिले में विगत 24 घंटे से झड़ी लगी हुई है। जिसके चलते खेतों में पानी आ जाने के कारण धान फसल को नुकसान होने लगा है।
उल्लेखनीय है कि बंगाल की खाड़ी में उठे मिचौंग तूफान के चलते विगत तीन दिनों से जिले में बरसात हो रही है। हालंकि पहले तो रूक-रूक कर हो रही बारिश से ऐसा लगा था कि ज्यादा बारिश नहीं होगी, लेकिन बुधवार शाम से बारिश हवा के साथ बारिश तेज हो गई थी जो पूरी रात एक रफ्तार से वर्षा हुई, वहीं गुरुवार सुबह से बारिश का थोड़ा कम हुआ, लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं हुई, जिससे पूरे दिन फब्बारे की तरह बारिश होती रही, जिससे अगहन माह में लोग रेन कोट व छतरी के सहारे घरों से बाहर निकलते नजर आए। साथ ही लगातार हो रही बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट आ गई है, जिससे शाम होते ही लोग अलाव का सहारा लेने लगे हैं। वहीं यह बरसात ग्रामीण क्षेत्रों में काफी तेज है, जिसके चलते खेतों में पानी भर गया है। जिससे जो धान फसल कट गया है, उसे तो नुकसान है ही लेकिन जो धान अभी खेतों लगा है, उसको ज्यादा नुकसान हो रहा है। बताया जा रहा है कि धान की बाली पानी में डूब जाने के कारण अब अंकुरित होने लगा है, जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि गुरुवार शाम से तूफान का असर लगभग खत्म हो गया है, जिससे अब बारिश पूरी तरह से बंद हो जाएगी। वहीं शुक्रवार सुबह से कोहरा चालू हो जाएगा। साथ ही दोपहर बाद से बादल छटने लगेंगे और शनिवार से हल्की बादल के साथ धूप निकलेगा, जिससे तीन से चार दिन बाद जहां मिनिमम तापमान में चार से पांच डिग्री तापमान में वृद्धि होगी तो वहीं न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री गिरावट आने की संभावना है, जिसके चलते ठंड बढ़ेगी।
इस संबंध में किसानों का कहना है कि इस साल जिले में धान की बंफर खेती हुई थी, जिससे जहां पहले धान की बोआई हुई थी, वो धान फसल विगत 15 दिन पहले से ही पककर तैयार हो गया था, जिसकी जोरों पर कटाई चल रही थी। जिससे कई किसान धान को काटकर खलिहान में डंप करके रखे हैं, तो ज्यादातर धान की फसल खेतों में लगा हुआ है, जिससे तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात के चलते खेतों में पानी भर गया है, जिससे अब धान की बाली में अंकुर आने लगा है। ऐसे में अब किसानों को काफी नुकसान होने वाला है।
बागवानी फसल होगी विलंब
उल्लेखनीय है कि इस साल किसान तरबूज, ककड़ी, खीरा व अन्य फसल लगाने के लिए टिकरा खेतों में की जुताई कर तैयार कर लिए थे, ताकि पहले से खेती करने से अच्छा रेट मिलेगा, लेकिन अब बरसात हो जाने के कारण पूरी खेत गिला हो गया है, जिससे अब धूप होने के बाद आठ से 10 दिन बाद ही इसमें बुआई शुरू होगी, जिससे अब लेट बुआई होने से फसल भी लेट से तैयार होगा, जिससे नुकसान होने की संभावना है। वहीं पुसौर ब्लाक में तरबूज व ककड़ी की बड़ी मात्रा में खेती होती है, जिसके लिए किसान पूरी तैयार कर लिए थे, हालांकि इसके साथ-साथ सरसो व गेंहू फसल की खेती भी लेट होगी, जिससे आगे चलकर फिर बारिश से नुकसान होने की संभावना बन रही है।
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तरबूज लगाने के लिए करीब 13 एकड़ खेत की जुताई कर तैयार किया था, जिसकी बुआई करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन लगातार बारिश के चलते विलंब हो रहा है।
खेमराज नायक, किसान लोहरसिंह