रायगढ़। श्री रामलीला मैदान रायगढ़ में चल रही श्री राम कथा के पंचम दिवस में बापू ने कहा कि भगवान विश्वामित्र ऋषि के साथ उनके आश्रम गए और उनके यज्ञ की रक्षा की बापू ने कहा कि संत का कार्य यज्ञ करना अनुष्ठान करना आदि होता है जो कि समाज में हितकर है और समाज के हित के लिए संत हमेशा परमार्थ के कार्य करते रहते हैं और संतों के प्रति कार्य की रक्षा प्रभु स्वयं करते हैं बाद में विश्वामित्र ऋषि के साथ भगवान जनकपुर के लिए प्रस्थान किया जहां उन्होंने अहिल्या का उद्धार किया और जनकपुर नगरी पहुंचकर धनुष भंग में भाग लेकर धनुष को तोड़ा बापू ने कहा कि धनुष अहंकार का प्रतीक है और माता सीता भक्ति स्वरूप है जब तक मनुष्य के जीवन का अहंकार खत्म नहीं होता है तब तक उसकी भक्ति प्रभु को समर्पित नहीं होती है और बापू ने कहा कि अहंकार रूपी धनुष को जब भगवान ने तोड़ा तब जनक रूपी जीव की भक्ति रूपी सीता प्रभु को समर्पित हो गई और बाद में बापू ने परशुराम लक्ष्मण संवाद विस्तार से सुनाया और फिर अयोध्या से भगवान की भव्य बारात जनकपुर के लिए प्रस्थान की और कथा के माध्यम से धूमधाम से भगवान राम और माता जानकी का विवाह उत्सव मनाया गया इसी बीच बापू ने एक शुभ सूचना भी प्रदान की कि जब आगे आने वाली 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह रखा गया है उसी के पहले 8 जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक अयोध्या में ही पर्यटन एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बापूजी के श्रीमुख से भव्य राम कथा का आयोजन भी राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में रखा गया है बापूजी ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ की धरा से ज्यादा से ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं को अयोध्या में होने वाली श्री राम कथा में पहुंचकर कथा रसपान करने एवं राम प्रभु के दर्शन करने के लिए भी आमंत्रित किया आज कथा में श्री इंद्रपाल सिंह भाटिया श्री शिव अग्रवाल श्री राजेश शुक्ला श्री दीपक पांडे श्री राम नारायण राठौर श्री कन्हैया सिंह ठाकुर श्री राजेंद्र राठौड़ गुड्डू आदि उपस्थित रहे कल कथा के माध्यम से राम वनवास एवं अन्य कथाओं का वर्णन पूज्य बापूजी के श्री मुख से किया जाएगा।