रायगढ़। श्री रामलीला मैदान में चल रही श्री राम कथा के दूसरे दिवस में कथा की कम को आगे बढ़ते हुए बापूजी ने कहा कि मानस में वंदना प्रकरण के बाद कथा की शुरुआत प्रयागराज से की गई जहां पर भारद्वाज ऋषि ने यज्ञबलक ऋषि के प्रश्नों का उत्तर देते हुए शिव चरित्र का वर्णन पहले किया जहां भगवान शिव अपनी पत्नी माता सती के साथ कथा सुनने के लिए कैलाश पर्वत उत्तर से दक्षिण में अगस्त ऋषि के आश्रम में गए बापू ने कथा के माध्यम से कहा कि यदि हमें कथा से प्रेम है तो कथा कितनी भी दूर हो व्यक्ति वहां पहुंच ही जाता है जब हमें प्यास लगती है तो पानी कितनी भी दूर मिले हम वहां जाकर पानी पी ही लेते हैं उन्होंने कहा कि अगस्त ऋषि के यहां भगवान शिव ने तो कथा सुनी लेकिन माता सती शंका बस कथा सुन नहीं पाई और इस शंका के तहत उन्होंने प्रभु राम की परीक्षा ली और यह बात उन्होंने भगवान शिव से छिपा ली बापूजी ने कहा कि पति पत्नी का रिश्ता दूध और पानी की तरह होता है इसमें यदि कोई कपट रूपी खटाई डाल दे तो दूध फट जाता है और पानी अलग हो जाता है पति पत्नी को चाहिए की आपस में एक दूसरे से कुछ छुपाय ना बापूजी ने कहा कि भगवान शिव का परिवार परस्पर एक दूसरे का विरोधी है लेकिन फिर भी परिवार में सब प्रेम से रहते हैं और माता रानी का वाहन सिंह है और भगवान शिव का वाहन नंदी है फिर भी दोनों में प्रेम है हम भी अपने परिवार को ऐसा बनाएं कि हम सभी प्रेम से रहे क्योंकि जहां प्रेम और एकजुट की भावना है वहां उसे घर में स्वयं परमात्मा वास करते हैं कल कथा के माध्यम से प्रभु राम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा आज कथा में श्री इंद्रपाल सिंह भाटिया श्री गोल्डन भाटिया मुख्य यजमान शिव अग्रवाल डब्बू भैया और राजेश शुक्ला आदि हजारों की संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।