रायगढ़। रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के कार्य का जायजा लेने इन दिनों जोन के अधिकारियों का लगातार दौरा हो रहा है। इस दौरान शुक्रवार को भी एक टीम पहुंची थी जो सडक़ व पार्किंग एरिया को व्यवस्थित करने के लिए नाप-जोख कर निर्माण की गति को तेज करने के लिए कहा। ताकि यहां से सफर करने वाले लोगों को ज्यादा समस्या का सामना न करना पड़े।
उल्लेखनीय है कि अमृत भारत योजना के तहत करोड़ो रुपए की लागत से रायगढ़ रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण का कार्य विगत सप्ताहभर से शुरू हो गया है, लेकिन यहां जगह कम होने के कारण निर्माण एजेसी को भी समस्या हो रही है। जिसको देखते हुए इन दिनों जोन के अधिकारियों का लगातार दौरा हो रहा है। ऐसे में शुक्रवार को भी बिलासपुर जोन के करीब चार लोगों की टीम सौंदर्यीकरण का जायजा लेने पहुंची थी, जहां ट्रेन आने के दौरान स्टेशन के बाहर वाहनों की संख्या को देखते हुए इसे कैसे व्यवस्थित किया जाए ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से चर्चा कर नाप-जोख किया गया। इस दौरान यहां सबसे बड़ी समस्या पार्किंग का पाया गया है। जहां वर्तमान में वाहनों की संख्या को देखते हुए कार पार्किंग का एरिया काफी छोटा पड़ रहा है। इसके अलावा वर्तमान में आटो पार्किंग के लिए भी कोई व्यस्थित जगह नहीं है, जिसके चलते ट्रेन आते ही यहां अव्यवस्था फैल जाता है। जिससे टीम द्वारा कार पार्किंग के एरिया को काली मंदिर के आगे तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही आटो पार्किंग के लिए दो जगह को चयन किया गया है, लेकिन अभी फायनल नहीं हो पाया है। ऐसे में बताया जा रहा है कि कार व आटो पार्किंग को अगल-बगल रखने की तैयारी है, ताकि स्टेशन से निकलने पर यात्रियों को एक ही जगह में दोनों सुविधा मिल सके। इसके साथ ही सडक़ चौड़ीकरण के लिए भी नापी किया गया, जिसमें बड़ी मुश्किल से 10 मीटर का सडक़ निकल पाया है। ऐसे में बताया जा रहा है कि इस 10 मीटर की सडक़ को हमेशा खाली रखा जाएगा, ताकि वाहन आसानी से आना-जाना कर सके।
चार से पांच साल में बदलेगा स्टेशन का लूक
इस संबंध में जायजा लेने पहुंची टीम के सदस्यों ने बताया कि सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा होने में करीब चार से पांच साल का समय लग जाएगा। तब तक कार्य चलने के कारण थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इसके बाद यहां की व्यवस्था ऐसी होगी कि रायगढ़ स्टेशन भी महानगरों की तरह दिखेगा। हालांकि यहां जगह बहुत कम है, लेकिन इसके बाद भी पूरी व्यवस्थित तरीके से कार्य कराया जा रहा है।
आटो चालकों में नाराजगी
इस संंबंध में आटो चालकों का कहना था कि रेलवे द्वारा एक साथ सभी कार्य को कराया जा रहा है। ऐसे में अभी वर्तमान समय में स्टेशन के बाहर आटो खड़ी करने की जगह नहीं मिल पा रहा है, जिससे इनकी कमाई मार खा रही है, लेकिन इसके बाद भी पार्किंग चार्ज लिया जा रहा है। वर्तमान में यहां से प्रतिदिन 100 से 120 आटो चलती है, इस स्थिति में अगर आटो खड़ी करने के लिए जगह मिल जाता तो काफी सहुलियत होती।