रायगढ़। शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ के तृतीय कुल उत्सव का सादगीपूर्ण ढंग से गरिमामय आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति प्रो. (डॉ.) ललित प्रकाश पटैरिया के अध्यक्षता में एवं मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीण कुमार पाण्डेय, अतिरिक्त संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय, उच्च शिक्षा विभाग, बिलासपुर की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिकों, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों, प्राध्यापकों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के राजगीत अरपा पैरी के धार… के सामूहिक गायन से किया गया तत्पश्चात विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। आमंत्रित अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर विश्वविद्यालय के कुलपुरुष कीर्तिशेष शहीद नंदकुमार पटेल जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में कुलपति प्रो. (डॉ.) ललित प्रकाश पटैरिया ने विश्वविद्यालय की अल्पकाल में ही उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं से भी अवगत कराया उन्होंने बताया विश्वविद्यालय अपनी शैशवावस्था में है, सीमित संसाधनों के बावजूद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्राध्यापकों के सहयोग से विश्वविद्यालय का कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो पा रहा है। उन्होंने आगामी वर्ष में कुलपुरुष शहीद नंदकुमार पटेल जी की जयंती के अवसर पर ही दीक्षांत समारोह आयोजित करने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अल्पकाल में ही यूजीसी, बार कांऊसिल से मान्यता प्राप्त कर ली है तथा यूटीडी प्रारंभ करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. पाण्डेय ने शहीद नंदकुमार पटेल जी के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि रायगढ़ क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने का जो सपना नंदकुमार पटेल जी ने देखा था वह भौतिक रूप से स्थापित हो चुका है और प्रो. (डॉ.) ललित प्रकाश पटैरिया के कुशल मार्गदर्शन में यह विश्वविद्यालय उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। उन्होंने नवनियुक्त प्राध्यापकों से विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण हेतु मार्गदर्शन करने का आव्हान किया साथ ही विश्वविद्यालय में पीएचडी की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कहीं। विश्वविद्यालय द्वारा आमंत्रित अतिथियों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर भी सम्मानित किया गया। कुल-उत्सव के उपलक्ष में संपन्न हुई चार विधाओं की प्रतियोगिताओं लोक नृत्य, निबंध, भाषण एवं चित्रकला में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को प्रशस्ती पत्र एवं सम्मान राशि से पुरस्कृत किया गया साथ ही विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ के अंतर्गत आने वाले एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सर्वश्रेष्ठ संस्था तथा महाविद्यालय एवं विद्यालय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवकों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सौरभ शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। अपने धन्यवाद ज्ञापन में उन्होंन
े जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने की परिस्थिति में भी हमें कुल उत्सव मनाने की अनुमति प्रदान की जिसके लिए हम कृतज्ञ है। श्री शर्मा ने आमंत्रित अतिथियों, विश्वविद्यालय परिवार एवं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले व्यक्तियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया तथा समस्त सहयोगियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम संचालन प्रो. रवीन्द्र कौर चौबे, प्रभारी अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा किया गया। सौरभ शर्मा कुलसचिव (प्रभारी), रासेयो के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ.सुशील कुमार एक्का, सुनील कुमार अग्रवाल प्रभारी अधिकारी यांत्रिकी विभाग, डॉ. रोहिणी आर्या प्रभारी अधिकारी स्थापना / प्रशासन, डों, नीरजा तिवारी सिंह प्रभारी अधिकारी अकादमी, प्राध्यापक डॉ. प्रदीप शर्मा, प्रो. के.सी. कछवाहा, डॉ. सुषमा तिवारी, डॉ. शारदा – घोघरे, डॉ. रश्मि यादव, लक्षेश्वरी, डॉ. हरप्रीत कौर, नीति मेहर, जिला संगठक रासेयो श्री भोजराम पटेल एवं एनसीसी एनएसएस कर्मचारियों के साथ कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु गठित समितियों के संयोजक एवं सदस्यों की सक्रिय एवं विशेष सहभागिता रही। कार्यक्रम में महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापकगण, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, पत्रकार, साहित्यकार, संगीतकार, सृजनधर्मी, प्रबुद्ध नागरिकों की उत्साह पूर्ण सहभागिता रही। आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के कारण कुलउत्सव अत्यंत ही सादगीपूर्ण एवं गरिमामय ढंग से आयोजित किया गया।