आरटीआई की धज्जियां उड़ाता नगर पंचायत घरघोड़ा
रायगढ़। सुर्खियों में रहने वाला घरघोड़ा नगर पंचायत कांग्रेस द्वारा देश को दिए गये सूचना के अधिकार अधिनियम की खुली धज्जियां उड़ा रही है पूर्वी केंद्र में रही कांग्रेस सरकार ने इस अधिनियम को इसलिये लायी थी कि आम आदमी ये जान सके कि आखिर शासन की योजनाओं का पालन कैसे हो रहा है भस्टाचार मुक्त की कल्पना व पारदर्शिता बनी रहे और लोग उसका सदुपयोग कर सके पर यहां घरघोड़ा नगर पंचायत में इसके उल्ट सूचना के अधिकार के आवेदनों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जा रहा है।
बताया जाता है कि वर्तमान में जनसूचना अधिकारी के रूप में स्थापना लिपिक सहायक राजस्व निरीक्षक शम्भू पटनायक जो कि बिगत 7 सालों से घरघोड़ा नप में पदस्थ है को बनाया गया है उनके द्वारा सूचना के अधिकार के लगाये दर्जनों आवेदनों से एक भी जानकारी इनके द्वारा नही दी जा रही है इसके पीछे बताया जाता है कि शासन की राशियों को भारी मात्रा में भस्टाचार किया जा रहा है जानकारी देने पर सारा मामला स्वमेव सामने आ जायेगा इसलिये जानकारी देने में हिलहवाला किया जा रहा है सूचना के अधिकार के तहत तीस दिवस के पश्चात भी जानकारी ना देने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी सीएमओ घरघोड़ा को भी आवेदन लगाया गया है पर उनके द्वारा भी गम्भीरता ना दिखाना इस बात को स्पष्ठ करता है। कही ना कही घरघोड़ा नगर पंचायत में शासकिय योजनाओं में भस्टाचार का खेल निरन्तर जारी है। नियमो के अनुसार जन सूचना अधिकारी का पद उपअभियंता के पास ही होता है पर यहां सहायक राजस्व निरीक्षक शम्भू पटनायक को यह जिम्मेदारी दी गयी है पूर्व में उपअभियंता यह जिम्मेदारी सम्हालते थे तब सूचना के अधिकार की जानकारी समय पर मिल जाती थी।
उच्च अधिकारियों के पास की जायेगी शिकायत-सोमदेव मिश्रा
नप के पूर्व एल्डरमेन ओर आरटीआई कार्यकर्ता सोमदेव मिश्रा ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य जनक स्थिति है कि शासन की महत्वपूर्ण अधनियम सूचना के अधिकार का पहली बार घरघोड़ा नप में खुला मखौल उड़ाया जा रहा है। मेरे खुद के लगाये आवेदनों पर आज पर्यंत तक कोई जानकारी उपलब्ध नही कराई गई है मेरे द्वारा प्रथम अपील भी की गई है अब उच्च अधिकारियों के पास शिकायत भी दर्ज कराई जावेगी ओर कार्यवाही की मांग की जायेगी। देखना यह है कि उच्च अधिकारी इस विषय को कितनी गम्भीरता से लेते है।