रायगढ़। शहर के वार्ड नंबर 34 में शुक्रवार को सुबह नाला किनारे एक बंद बोरी से नवजात बच्चे की रोने की आवाज सुनकर मोहल्लेवासियों में हडक़ंप मच गया। जिससे इसकी सूचना पुलिस को देते हुए बोरी को खोला गया और पुलिस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
उल्लेखनिय है कि एक तरफ जहां माताएं अपने बच्चों के लंबी उम्र के लिए जीवितपुत्रिका का निर्जला व्रत रखी हुई है तो वहीं शहर के जुटमिल थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 34 में एक निर्मोही मां ने लोक लाज के भय से अपने बच्चे को बोरी में बंद कर नाले किनारे फेक दी थी, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस संबंध में नावापारा निवासी ओमप्रकाश साहू ने बताया कि शुक्रवार को सुबह करीब 6.30 बजे उठकर नाला की तरफ गया था, इस दौरान नाला के पास पड़े एक बोरी से बच्चे की आवाज सुनाई दी, जिससे पहले तो उसे लगा कि कुछ होगा, लेकिन जब आवाज तीन-चार बार उसकी कानों में गंूजी तो उसने तत्काल मोहल्ले में आकर अन्य लोगों को बताया, जिससे देखते ही देखते बात आग की तरह फैल गई और वहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। ऐसे में मोहल्लेवासियों ने जब बोरी को खोला तो उसमें बंद नवजात शिशु जिंदा था। ऐसे में स्थानीय लोगों ने तत्काल इसकी सूचना डायल 112 को दिया, जिससे मौके पर पहुंची पुलिस ने मोहल्लेवासियों के सहयोग से उक्त नवजात बच्चे को उपचार के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उपचार के बाद बच्चा स्वस्थ है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि हो सकता है कि बिन ब्याही मां ने लोक-लाज के डर से बच्चे को पैदा होने के बाद उसे नाला किनारे फेक दिया है, साथ ही कुछ ही देर पहले बच्चे को फेका गया था, जिसके चलते बच्चा जीवित था, नहीं तो जिस तरह से उसे बोरी में लपेटा गया था, उससे उसकी जान भी जा सकती थी। वहीं जब जुटमिल पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि उक्त बच्चे को कौन फेका है।
झूला योजना नहीं आ रहा काम
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले शासन के निर्देश के पर जगह-जगह झुला लगाया गया था, ताकि नवजात बच्चे को इधर-उधर न फेंक कर उसे झुला में रखा जाए, ताकि बच्चों की जान बच सके। लेकिन यह योजना भी कुछ ही दिनों तक चला इसके बाद बंद हो गया। साथ ही यह झुला जिला अस्पताल से लेकर अन्य करीब दर्जनभर स्थानों पर लगा था, जिससे कई बच्चों की जान भी बची थी, लेकिन अब सभी झुले कबाड़ में डाल दिए गए हैं, जिसके चलते बिन ब्याही मां ने लोक लाज के भय से जहां-तहां फेंक दे रहे हैं, जिससे बच्चों की मौत हो जा रही है।