रायगढ़। एक तरफ रायगढ़ धन कुबेरों का गढ़ बनता जा रहा है और उद्योग मालिक एक से दो, दो से चार करते जा रहे हैं परंतु यह कोई नहीं देख रहा है कि इससे रायगढ़ और रायगढ़ वासियों को क्या और कैसे कितना फायदा मिल रहा है और इससे नुकसान कितना हो रहा है। पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने कहा कि इस बात का आंकलन न कर धड़ाधड़ उद्योग स्थापना के लिए पर्यावरण विभाग अनुमति पर अनुमति देता जा रहा है और शासन प्रशासन धृष्टराष्ट्र बने हुए है, इधर शहरवासी अपनी बर्बादी संजय की आंखों से देख रही है।
पर्यावरण मित्र बजरंग अग्रवाल का जिले में धड़ाधड़ उद्योग स्थापना की अनुमति दिए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है। पर्यावरण प्रदूषण की चपेट से राहत दिलाने की तो कोई पहल नहीं हो रही है उल्टे आम जनता को जहरीला वातावरण परोस रही है। जिले में और नए उद्योग स्थापना की वजह से आबोहवा और जहरीली होगी, पहले ही जिले वासी भीषण प्रदूषित हवा में जीने को मजबूर है। केलो स्टील एंड पावर की वजह से आस पास के प्रभावित गांव के लगभग 52 हजार से अधिक ग्रामीण तो सीधे तौर पर प्रभावित होंगे और इसका असर पूरे जिले की खराब आबोहवा को और जहरीला बनाने में एक कदम और प्रभावी होगी।
जैसा की इन दिनों जिले में एक और उद्योग की स्थापना होने जा रही है और कहीं न कहीं आम जनता में विरोध के स्वर मुखर होने लगी है। जिले के तमनार ब्लॉक के बरपाली में केलो स्टील एंड पावर नाम से एक वृहद प्लांट लगाए जाने के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जन सुनवाई रखी गई है। पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने बताया कि जिले की जहरीली हो चुकी आबोहवा और तेजी से बढ़ते कई तरह की गंभीर बीमारियो के बीच जीने को मजबूर है और छत्तीसगढ़ शासन भी सो रहा है रायगढ़ में उद्योग की अनुमति दे देकर जनता को प्रदूषण और बीमारियों से मारने का पूरा प्लान बना रखा है।
शासन ईमानदारी से सभी उद्योगों का निरीक्षण करवाए तो 70 प्रतिशत उद्योग प्रदूषण फैलाने के जुर्म में फैक्टरी भी बंद हो जाएगी और उनके मालिक भी जेल की हवा खाएंगे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है अब जिले में किसी भी तरह के उद्योगों की स्थापना की अनुमति न दी जाए।
जिलेवासियों का जानलेवा प्रदूषण से जीना हो रहा मुहाल
लगातार एक के बाद एक उद्योग स्थापना को लेकर उठ रहे सवाल, कहा -शासन प्रशासन बन बनी हुई है धृतराष्ट्र की तरह मूकदर्शक
