रायगढ़। जिले के पुसौर विकासखंड की ग्रामीण महिलाएं अब सामूहिक खेती के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम बढ़ा रही हैं। अदाणी पावर लिमिटेड, रायगढ़ के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (ष्टस्क्र) कार्यक्रम के अंतर्गत अदाणी फाउंडेशन द्वारा संचालित आजीविका संवर्धन की पहल ने इन महिलाओं को आधुनिक कृषि तकनीकों से सशक्त बनाया है।
महिलाओं ने अक्टूबर 2024 से साहो किस्म के टमाटर की खेती शुरू की। अदाणी फाउंडेशन द्वारा मल्चिंग, खाद, उर्वरक, कीटनाशक और उन्नत बीज जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई। इसके परिणामस्वरूप, दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच 74,376 किलोग्राम टमाटर का उत्पादन हुआ, जिससे ?3.48 लाख की आय अर्जित की गई। सुपा गांव में पहली फसल चक्र में 2,500 किलोग्राम करेला भी उत्पादित हुआ, जिसकी बिक्री ?55,155 रही। कुल मिलाकर इन महिलाओं ने ?4.03 लाख की सब्जियों की बिक्री की। इस योजना के अंतर्गत ग्राम सुपा, बरपाली, जेवरीडीह, टपरदा और ठेंगागुढ़ी गांवों की 23 स्वयं सहायता समूहों (स्॥त्रह्य) की कुल 59 महिला सदस्यों ने ड्रिप सिंचाई पद्धति से टमाटर, खीरे और करेले की खेती शुरू की है। एसबीआई-आरएसईटीआई रायगढ़ के सहयोग से इन महिलाओं को सब्जी उत्पादन पर 10 दिवसीय प्रशिक्षण भी नि:शुल्क दिया गया। प्रशिक्षण पश्चात सुपा गांव में करेले की खेती करने वाले चंद्रहासिनी स्व सहायता समूह की सीता बाई यादव ने कहा कि अदाणी फाउंडेशन के द्वारा उपलब्ध कराये गए इस प्रशिक्षण से हमें खेती करने की आधुनिक विधि की जानकारी प्राप्त हुई है। जिसे हम सभी महिलाएं सामूहिक खेती करके कम समय में ही ज्यादा उत्पादन पाने की तकनीक उपयोग में लाये हैं। और आज हमें इससे ज्यादा और अच्छी फसल प्राप्त हुई है। हम सभी इस सफलता से बहुत ही उत्साहित हैं। अदाणी फाउंडेशन की इस पहल से हम सभी लोग आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं। सामूहिक खेती की इस सफलता पर बरपाली गांव के गंगा स्व सहायता समूह जो टमाटर की खेती करते हैं की सदस्य शांति भारती ने कहा कि हमें अदाणी फाउंडेशन द्वारा तीन महीने पहले आधुनिक विधि से खेती करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके पश्चात हमने सामूहिक खेती में उन सभी तकनीकों को अपनाया है। आज हमारी मेहनत रंग लायी है। हमें उम्मीद से ज्यादा सफलता मिल रही है इससे हमारी आय भी बढ़ी है। हम सभी समूह की महिलाएं बहुत खुश हैं। इसके लिए हम अदाणी फाउंडेशन को धन्यवाद देते हैं। अदाणी फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि अब तक कुल 28 समूहों को आधुनिक कृषि के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से 23 समूह विगत दो वर्षों से सब्जी उत्पादन कर रहे हैं। इनकी उपज को रायगढ़ की पटेलपाली मंडी और चंद्रपुर जैसे स्थानों पर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा, यह पहल केवल आजीविका नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की कहानी है। अदाणी फाउंडेशन भविष्य में भी महिला सशक्तिकरण और क्षेत्रीय विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
अदाणी समूह छत्तीसगढ़ में अपनी सतत सामाजिक सहभागिता की प्रतिबद्धता के तहत रायपुर, दुर्ग, बलौदा बाजार- भाटापारा, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और सरगुजा जिलों में स्थित अपने सभी व्यावसायिक संस्थानों में अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से सीएसआर की विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर रहा है। जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, आजीविका उन्नयन और ढांचागत विकास इत्यादि जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से इन सभी परियोजनाओं के आसपास के लगभग 100 से ज्यादा ग्रामों में लंबे समय से आजीविका विकास में महिलाओं के लिए अनेक पहल की है, जो की न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है, बल्कि उन्हें समाज में आत्मविश्वास और सम्मान के साथ आगे बढऩे की प्रेरणा भी दे रही है।
अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ीं जिले की ग्रामीण महिलाएं
अदाणी फाउंडेशन की पहल से 59 महिलाएं 8.5 एकड़ में कर रही आधुनिक तकनीक से सब्जी उत्पादन
