रायगढ़। 60 वर्षीय पुरुष, जो कि विगत 6 महीने से कमर दर्द से परेशान था,जो पिछले 3 महीनों से चलना, खड़ा होना या बैठना भी संभव नहीं था, बिस्तर पर थाद्य मरीज कई अस्पतालों (रायगढ़ व बिलासपुर) में इलाज करा चुके थे, पर राहत नहीं मिली। एमआरआई में एल-5-एस-1 डिस्काइटिस (रीढ़ की हड्डी में संक्रमण व पस) और एस-1 हड्डी में ऑस्टियोमायलाइटिस (हड्डी का गलना) पाया गया।
श्री बालाजी मेट्रो अस्पताल, रायगढ़ में वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. नितीश नायक द्वारा मरीज की जटिल सर्जरी की गईं। टरांसफोरामिनल लम्बर इंटरबॉडी फिक्सेशन। छह घंटे चली इस सर्जरी में एल-5 की दोनों ओर लगाकर रीढ़ को स्थिर किया गया, पस को निकालकर संक्रमण हटाया गया और दबे हुए नसों को मुक्त किया गया। चूंकि एस-1 की हड्डी गल चुकी थी, वहां स्क्रू लगाना एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे डॉ. नायक ने कुशलता से पूरा किया। ऑपरेशन के दूसरे दिन ही मरीज चलने लगे। अंतिम रिपोर्ट में रीढ़ की टीबी की पुष्टि हुई। यह ऑपरेशन रायगढ़ में अपने प्रकार का पहला है, जिससे यह सिद्ध होता है कि अब मेट्रो बालाजी अस्पताल में जटिल स्पाइन सर्जरी की उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
आईए जानते हैं डॉक्टर नायक से स्पाइनल ट्यूबरक्लोसिस के बारे में
1. क्या होता है पॉट्स स्पाइन?
उत्तर- यह ट्यूबरक्लोसिस का एक प्रकार है, जिसमें रीड की हड्डी में टीवी के बैक्टीरिया फैलने की वजह से हड्डी का गलना तथा ऊतकों में सूजन और नसों का दब जाना होता है
प्रश्न स्पाइन ट्यूबरक्लोसिस के मुख्य लक्षण क्या होते हैं
स्पाइनल ट्यूबरक्लोसिस में मुख्य रूप से कमर में दर्द जो की रात में तथा भारी काम करने के बाद अत्यधिक बढ़ जाता है
कमर में अकडऩ पैरों में सुन्नता
प्रश्न-क्या इससे पैरों में कमजोरी हो सकती है??
उत्तर- स्पाइनल ट्यूबरक्लोसिस की वजह से ऊतकों में सूजन की वजह से नसों में दबाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से पैरों मैं कमजोरी तथा पैरों का चलना बंद भी हो सकता है
प्रश्न- क्या होते हैं कारण??
उत्तर- टीवी के बैक्टीरिया मुख्य रूप से फेफड़ों से होते हुए रीड की हड्डी तक पहुंचते हैं
प्रश्न- स्पाइनल ट्यूबरक्लोसिस के बारे में पता कैसे लगाए?
उत्तर- मरीज की प्रारंभिक जांच तथा लक्षणों के आधार पर, एक्स-रे और द्वह्म्द्ब इमेजिंग टेस्ट
टीवी के बैक्टीरिया की पुष्टि हेतु स्पाइनल फ्लूइड या मवाद की जांच के द्वारा
प्रश्न- क्या होता है इसका उपचार??
उत्तर- अगर बीमारी प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है तो टीवी की दवाइयां ( एंटीबायोटिक) मुख्य रूप से इलाज होता है जो की 12 से 18 महीने तक दी जाती है
स्पाइन की सर्जरी मूल रूप से पैरों में सुन्नता तथा पैरों की ना चल पाने, हड्डी के गल जाने के कारण स्पाइनल इंस्टेबिलिटी की केस में की जाती है।
मेट्रो बालाजी अस्पताल रायगढ़ में सफलतापूर्वक हुआ जटिल रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन
