रायगढ़। प्रयाग राज संगम में पिछले दो दशक संचालित ठंडे पेयजल की समुचित व्यवस्था का शुभारंभ करते हुए पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा प्यासे को पानी पिलाना महान कार्य है।अपने घर परिवार की बजाय समाज के लोगों के लिए कार्य करने वाला मनुष्य श्रेष्ठ होता है। समाजिक सेवा की सोच रख कर कार्य करने वाले मनुष्य संत महात्माओं या सत्संग का लाभ पाते है तभी सेवा की भावना जागृत होती है।सेवा कार्यों से बनी हुई पूंजी को जीवन की असल पूंजी निरूपित करते हुए कहा यह पूंजी जन्मों जन्मों तक नष्ट नहीं होती बल्कि जीवन भर परिश्रम से कमाया गया धन दौलत मृत्यु के साथ ही नष्ट हो जाता है ।
सेवा कार्यों सा अर्जित पूंजी मृत्यु के बाद भी मनुष्य के साथ रहती है। पूज्य पाद ने कहा हर संपन्न मनुष्य को अपने आस पास रहने वाले साधन विहीन लोगों के लिए जीवन की मूलभूत आवश्यकता से जुड़ी आवश्यकताएं पूरी करने में मदद गार भूमिका निभानी चाहिए। सेवा को मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म निरूपित करते हुए कहा परमार्थ करने वाले मनुष्य की जीवन का वास्तविक सुख और आनंद हासिल होता है। बिना स्वार्थ के जरिए पीडि़त मानव की सेवा पुण्य अर्जन का जरिया है। प्रयागराज के नैनी क्षेत्र चाका ब्लाक के समीप मोहब्बत-गंज स्थित प्रेरणा परमार्थ आश्रम के तत्वाधान में बीस वर्षों से संचालित किए जाने वाले प्याऊ सेवा के शुभारंभ के दौरान मौजूद भक्तों गणों को पूज्य पाद प्रियदर्शी राम जी संबोधित कर रहे थे। प्रेरणा परमार्थ आश्रम की स्थापना सन 2002 में अघोर मूर्ति कर्मयोगी श्रद्धेय श्री भैया जी द्वारा की गई थी यहां भी मानव सेवी गतिविधियां संचालित हो रही है।