रायगढ़। जिले के सभी निजी विद्यालय और अधिकतर बुक डिपो में शिक्षा के बाजारीकरण, पुस्तकों कर मनमाने दाम एवं अवैध फीस वसूली के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी भौहें तरेर ली है। छात्रहित के लिए सक्रिय एबीवीपी ने कलेक्टर कार्तिकेया गोयल को इसकी शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग भी की है।
जिले भर में निजी विद्यालयों द्वारा मनमानी फीस वसूली, पुस्तकों का अधिक दाम में विक्रय और एक ही बुक डिपो से पुस्तक कॉपी एवं गणवेश क्रय करने हेतु बाय्य किया जा रहा है। ऐसे में प्रतीत हो रहा है कि निजी विद्यालय अब पढ़ाने का कार्य छोडक़र बुक डिपा के साथ मिलकर व्यापार कर रहे हैं। इससे मध्यम वर्गीय परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, लिहाजा अंचल के अभिभावक परेशान हैं। छात्रहित से जुड़े इन अहम विषयों को लेकर के एबीबीपी यह मांग करती है कि किसी भी निजी विद्यालय द्वारा स्कूल शिक्षा अधिनियम 2020 का किसी भी रूप में पालन नहीं किया जा रहा है। किसी भी विद्यालय में फीस विवरण हेतु 4म8 का बोर्ड नहीं लगाया गया है। समय-समय पर विभिन्न विद्यालयों द्वारा सांस्कृतिक फीस और अन्य अलग – अलग नामों से अवैध वसूली की जाती है। शहर के सिंधु बुक डिपो समेत आधे दर्जन से अधिक बुक डिपो द्वारा बिना पक्के बिल के सामग्री विक्रय की जाती है। इसमें दुकानदार द्वारा भारी मात्रा में जीएसटी/सीजीएसटी/ आईएसजीएसटी के करों की चोरी की जा रही है। निजी विद्यालयों में अनुमोदित पाठ्य पुस्तक के अलावे अन्य पुस्तकों को शामिल किया जा रहा है। साथ ही छात्रों के लिए स्कूल बैक 2020 पाॉलिसी का पालन नहीं कराया जा रहा है।
अभाविप ने छात्रहित के मद्देनजर कलेक्टर से मांग की है कि इन समस्याओं एवं शिक्षा के बाजारीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। जिलाधीश को ज्ञापन सौंपने वालों में सौरभ नामदेव, रोशन महंत और आर्यन छड़ीमली प्रमुख रुप से शामिल थे।
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शिक्षा के स्तर को बचाने अभाविप ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
