रायगढ़। जिले में एक किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर सामने आई है वह भी सूदखोरों के आतंक से पीडि़त होकर। फिलहाल इस मामले में मृतक किसान का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में अभी चुप्पी साधी हुई है लेकिन स्थानीय लोग और मृतक के परिजन आक्रोशित हैं। सरकार की तमाम योजनों के बाद भी किसानों का सूदखोरों के चंगुल में फंस जाना प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
बताया जाता है कि पुसौर विकासखंड के बाराडोली गांव के मृतक जादव राणा ने गांव के पड़ोसी गांव के एक व्यक्ति से तीन साल पहले कुछ रुपए उधार लिया था, उसका सूद भी वह दे रहा था लेकिन सोमवार की रात उसके घर में आ धमके और उसे धमकाने लगे। ग्रामीणों के अनुसार उसे मंगलवार की सुबह तक घर खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था, मृतक उनसे मिन्नतें कर रहा था मृतक ने उनके जाने के कुछ देर बाद जहर पी लिया। उसके परिजन आनन फानन में पुसौर स्वास्थ केंद्र लेकर आए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस ने पुसौर में ही मृतक का पोस्टमार्टम कराया है और शव परिजनों को देने की तैयारी है।
दो माह से नहीं मिला था वेतन
ग्रामीणों के अनुसार जादव राणा स्थानीय एक पावर कंपनी में निजी गार्ड की नौकरी भी करता था लेकिन उसे दो माह से वेतन भी नहीं मिला था इसलिए उसने ब्याज का पैसा समय से नहीं पटाया था। मृतक ने 7 तारीख तक वेतन मिलने की बात कही थी लेकिन उसे इस माह भी समय से वेतन नहीं मिल पाया था।
घर छोडऩे का दिया गया था अल्टीमेटम
ग्रामीणों का कहना था कि पैसे की मांग को लेकर रात में सूदखोर उसके घर आ धमके और और गली गलौज भी दी। उन्होंने उसे कहा कि पैसा नहीं होता है तो मंगलवार तक अपना घर खाली करो और मुझे कब्जा दे दो। ऐसे में मृतक काफी परेशान हुआ। बताया जाता है कि तीन साल पहले मृतक जादव राणा ने तिलक सारथी, ताराचंद सारथी से 10 हजार रुपए उधार लिए थे। मृतक के परिजनों का कहना है कि अब तक हम लोग तीन लाख से ज्यादा पैसा वापस कर चुके हैं लेकिन तिलक का कहना था कि उसे 6 लाख और लेना है। ऐसे में सोमवार की रात तिलक और ताराचंद्र उसके घर आ धमके और पैसे को लेकर हंगामा भी किया। इसके बाद करीब तीन बजे रात के आसपास जादव ने फिनायल पी लिया। जब परिजनों को इसका पता लगा तब वे उसे लेकर पुसौर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई।
क्या कहती है पुलिस
पुसौर थाना प्रभारी रामकिंकर यादव से इस संबंध में बात की तो उनका कहना था कि अभी परिजनों का बयान नहीं लिया जा सका है इसलिए इस विषय में कुछ भी कह पाना संभव नहीं है।
सूदखोरी से तंग आकर किसान ने की खुदकुशी
