रायगढ़। चैत्र नवरात्र के नवें दिन देवी मंदिरों सहित घरों में माता महागौरी की पूजा-अर्चना के साथ जगह-जगह कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। जिसको लेकर अंचल के देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ लगी रही। इसके साथ ही महाभंडारे का भी आयोजन किया गया था, जिसमें भक्तों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
उल्लेखनीय है कि नवरात्र के नवमी पर्व पर शहर सहित अंचल के देवी मंदिरों में सुबह से भक्त मां गौरी की अराधना के लिए पहुंचे थे, जिससे पूरे दिन पूजा-पाठ व हवन का दौर चलता रहा। साथ ही नव दिनों तक व्रत रखने वाले भक्तों द्वारा पूजा-पाठ के बाद नव कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। इस संबंध में पूज्य मां गुरु अघोर शक्ति पीठ भगवानपुर आश्रम के पुजारी पंडित राजकुमार चौबे ने बताया कि रविवार को महानवमी पर्व पर सुबह से ही माता के उपासकों द्वारा माता सिद्धदात्री की अराधना में जुट गए थे, जिससे अंचल के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा, वहीं पंडित चौबे ने बताया कि मान्यता के अनुसार जो भक्त माता सिद्धदात्री की तन-मन से पूजन करते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है, साथ ही भक्त माता का ध्यान करके कई सिद्धियां भी प्राप्त करते हैं। साथ ही महात्माओं की मनोकामना को पूर्ण करने वाली, भक्तों की समस्यायों से छुटकारा दिलाने वाली महादेव जी की प्यारी महागौरी हैं। इनके दर्शन मात्र से ही कई समस्याओं का निराकरण होता है, यही वजह है कि नवरात्र के दिनों में माता के नौ दिनों तक अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। ऐसे में रविवार को शहर के प्रसिद्ध बुढ़ी माई मंदिर, राजापारा स्थित समलाई माता मंदिर, समलेश्वरी मंदिर, अनाथालय स्थित दुर्गा मंदिर व केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड स्थित दुर्गा मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा।
रविवार को चैत्र महा नवमी पर्व पर उपासकों द्वारा कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। इस दौरान लोग सुबह से कन्याओं को अपने घर लाने की जुगत में लग गए थे, जिससे कन्या भोज का दौर शाम तक चलता रहा। वहीं देवी मंदिरों में भी दोपहर को कन्या भोज कराया गया। वहीं बताया जाता है कि नौ दिनों तक माता के उपासक व्रत तोडऩे से पहले नौ कन्याओं का भोजन कराते है, इसके बाद भी व्रत तोड़ते है, ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूर्ण होती है, इसी मान्यता के कारण नवरात्र के अंतिम दिन जगह-जगह कन्या भोज का आयेाजन किया जाता है।
नवरात्र के अंतिम दिन सिद्धदात्री की अराधना के बाद हुआ हवन-पूजन
मंदिर सहित घर-घर में कराया गया कन्या भोज व भंडारा, बडी संख्या में शामिल हुए लोग
