सारंगढ़-बिलाईगढ़। वैसे तो किसानो का एक एक दाना सरकार खरीदकर किसानो की आय दुगनी करने में लगा है किसान को समृद्ध बनाने धान खरीदी में बढ़ोतरी से लेकर मूल्य वृद्धि तक सरकार ने अहम निर्णय लेकर एक एक दाना खरीदा लेकिन सरकार को कैसे गुमराह कर दाना दाना जोड़ सैकड़ों क्विंटल धान की हेरा फेरी कर सरकार को खूब चुना लगाया गया लेकिन चुना का रंग निकला सफेद और लग गया चमकने और आज सबको दिखाई दे रहा।आपको बता दे जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ की सेवा सहकारी समिति में कई फर्जीवाड़ा सामने आते रहें है और कई समिति के कर्मचारियों पर स्नढ्ढक्र दर्ज देखने क़ो मिला है चाहे वह फर्जी रकबा पंजीयन क़ो लेकर रहें या फिर समिति में खरीदे हुए धान में अचानक से कमी मिलने क़ो लेकर रहें। गत दिनों भी सेवा सहकारी समिति हरदी, कोसीर, सलोनीकला, गताडीह में जांच कर समिति के कर्मचारियों पर स्नढ्ढक्र दर्ज हुआ है, और जांच का दौर अब भी जारी है कई समितियों में धान का कमी विभाग तक जानकारी पहुच गई है और जांच जारी है ऐसे ही एक और समिती का गुजरे दिनो में जांच किया गया जिसमें सैकड़ों क्विंटल धान कि कमी पाई गईं जांच पूर्ण हो चूका,आधिकारी जांच की पंचनामा तैयार कर दफ्तर वापस लौट चूके अब बारी है अंतिम कार्यवाही की।
सूत्र की माने तो ऐसा ही मामला तहसील सारंगढ़ के सेवा सहकारी समिति भेड़वन में भी 600 क्विंटल 18,लाख 60हजार रूपये की धान में कमी पाया गया है,, जिसकी गुजरे दिनो मे विभाग ने जांच कर चूके है और जांच में सैकड़ों क्विंटल धान की कमी पाई गई हालाकि अभी तक विभाग ने जांच मिडिया में कोई जानकारी किसी ने नही दी लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक लगभग 600 क्विंटल से अधीक धान की कमी पाई गई, यह भी हो सकता है की बरदना की भी कमी हो इसकी लेकिन जांच के बाद विभाग आगे की कार्यवाही जारी होता है या फिर मामला कुछ दिनो तक ठंडे बस्ते में चला जाता है ये देखने वाली बात होगी। सूत्र की माने तो धान गबन करने के बाद समिति के संचालक प्राधिकृत अध्यक्ष, प्रबंधक के द्वारा सम्बंधित अधिकारी से धान भरपाई करने का समय माँगा जा रहा है जांच करने के बाद समय के लिए विभाग पर दबाव बनाया जा रहा,, और कहा जा रहा बस दो दीन का समय दे दो सारा धान भर दिया जाएगा अब देखना होगा की क्या कोई भी घोटाला होता है, तो हुए भ्रष्टाचार सुधारने के लिए समय दिया जाता है? कहीं न कहीं अधिकारीयों के आँख बंद कर लेने से ही ऐसे घोटाले बाजों का हौसला बुलंद होता है और भ्रष्टाचार क़ो अंजाम देतें है। अधिकारियों द्वारा जांच पर भेड़वन समिति में 600 क्विंटल 18 लाख 60 हजार रूपये के धान में हेरा फेरी किया गया है। तथा धान की कमी पर अन्य समिति जैसे भेड़वन समिति पर भी कार्रवाही होनी चाहिए, वहीं सारंगढ़ तहसील में अन्य समिति में कार्यवाही किया गया है तों भेड़वन समिति क़ो भरपाई करने के लिए समय क्यों दिया जा रहा है? समिती सूत्र की माने तो समय देने के लिए भी आधिकारी तैयार हो चूके है? भले ही दबाव में आकर हो या खुद की मर्जी से लेकिन देना ही है तो फिर बाकी समितियों को भी देना चाहिए। भारतीय संविधान के अंतर्गत कानून सबके लिए बराबर है। वहीं भेड़वन समिति में भी लाखों रूपये की धान में कमी पाई गई है जिस पर देखना होगा किस किस पर एफआईआर दर्ज की जाति है। धान घोटाला और भ्रष्टाचार रोकने में अथक प्रयास कर रही प्रशासन लेकिन प्रयास पर भी प्रश्न चिन्ह?
जिस तरह से जिला प्रशासन ने खुद धान खरीदी में हुए घोटाला को लेकर संज्ञान लिया है यह भी एक सराहनीय कार्यवाही है भ्रष्टाचार नियंत्रण करने में कगार साबित होगा लेकिन कही न कहीं प्रशासनिक तंत्र में थोड़ी सी चूक खरीदी दौरान किया गया अगर शुरवात से ही प्रशासन कड़े क़दम उठाते या फिर खरीदी की नियमित मॉनिटरिंग और जांच कर आवक जावक, फड़ में धान कितना है सबकी शुरवाती दौर में जांच किया गया होता तो शायद आज हजारों क्विंटल धान और लाखों करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेट न चढ़ता और शासन प्रशासन को नुकसान न उठाना पड़ता खैर देर सवेर सही प्रशासन के कदम भ्रष्टचार को रोकने की दिशा में है लेकिन कहीं साठ गाठ और दबाव में भेडवन जैस घोटाले दब न जाए या एफआईआर की डर से कमी मोहलत मांग पुरा न कर जाएं लेकिन कानून व्यवस्था सबके लिए एक होनी चहिए?
सेवा सहकारी समिति भेड़वन में सैकड़ों क्विंटल धान की आई कमी
जांच, मिला में 600 क्विंटल से अधीक धान की कमी
