जैजैपुर। ग्राम पंचायत कुटराबोड़ जिला सक्ती के राजेंद्र जांगड़े द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में यह शिकायत की गई थी कि उसका बेटा रवींद्र जांगड़े बालक अनुसूचित जाति बालक आश्रम कुटराबोड़ में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में चौकीदारी और रसोइया का कार्य करता है। कार्यवाही तिथि से करीब एक माह पूर्व इस छात्रावास में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था, जिससे उसके बेटे रवींद्र जांगड़े को उसके पद से हटा दिया गया था, जिस पर रवींद्र जांगड़े ने (प्रार्थी राजेंद्र जांगड़े) को विभाग के अधिकारियों से मिलकर काम पर फिर से रखने के लिए निवेदन करने के लिए भेजा था, जिस पर वह आदिवासी विकास विभाग जिला सक्ति के जैजैपुर कार्यालय में पदस्थ मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर से मिला तो मंडल निरीक्षक द्वारा रवींद्र जांगड़े को पुन: सेवा में लेने के एवज में एक लाख 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग किया जा रहा था। शिकायत का सत्यापन कराए जाने के दौरान आरोपी द्वारा 50 हजार रुपए प्रार्थी से प्राप्त कर लिया गया तथा अगले किश्त के रूप में 50 हजार रुपए और लेने की सहमति दिया गया था, जिसके आधार पर कार्यवाही की योजना बनाई गई, जिस पर एसीबी बिलासपुर की टीम द्वारा 28 मार्च 2025 को आरोपी संदीप खांडेकर को रिश्वत की रकम 50 हजार देने के लिये प्रार्थी को रिश्वत की रकम सहित भेजा गया था, जो आरोपी द्वारा प्रार्थी को जेठा जिला सक्ति कलेक्ट्रेट से लगे आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में बुलाए जाने पर प्रार्थी द्वारा वहां जाकर आरोपी को रिश्वती रकम 50 हजार रुपए देने पर आरोपी द्वारा उसे अपनी मारुति कार में रखवाया गया, जिस पर रिश्वत की रकम को कार में रखते ही पहले से घेराबंदी में लगे हुए एसीबी बिलासपुर की टीम ने आरोपी संदीप खांडेकर को पकड़ लिया गया तथा रिश्वत की रकम बरामद कर लिया गया। आरोपी के विरुद्ध एसीबी के द्वारा धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है। बता दें कि करीब 2 माह के भीतर ही कुटराबोड जैजैपुर में राजस्व निरीक्षक बद्रीनारायण जांगड़े को भी रिश्वत लेते हुए एसीबी बिलासपुर के टीम द्वारा पकड़ा गया था। लगातार हो रही इस कार्यवाही से आम जनता को राहत महसूस हो रही है।