रायगढ़। शहर के रेड क्वीन परिसर में प्रतिष्ठित श्री जिंदल परिवार के श्रद्धालुओं द्वारा अपने पूर्वजों के मोक्ष कल्याण की पवित्र भावना व श्रद्धा से सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। व्यासपीठ पर विराजित अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण शास्त्री जी निसदिन अपने दिव्य प्रवचनों से कथा स्थल में उपस्थित श्रद्धालुओं को मुग्ध कर रहे हैं।
प्रीति केवल प्रभु के प्रति हो
व्यासपीठ पर विराजित आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण शास्त्री जी ने कथा प्रसंग के अंतर्गत कहा कि भौतिक वस्तुओं के प्रति क्षणिक आकर्षण और प्रेम होता है जो स्थायी नहीं रहता परंतु ईश्वर के प्रति प्रेम बढ़ाने से अनंत आनंद की प्राप्ति होती है जो कभी कम नहीं होती। इसलिए जीवन में सबसे ज्यादा महत्व केवल श्रीराधे को दें। वहीं उन्होंने कहा कि मन हमेशा नयी – नयी मांग करता है और अवसर बीत जाने पर वह चीज उसके लिए पुरानी हो जाती है साथ ही प्रीति भी कम हो जाती है, परंतु बांकेबिहारी जी कभी पुराने नहीं होते अपितु सच्चा आनंद उनसे ही मिलता है। ये जगत मिथ्या और प्रभु ही सच्चिदानंद हैं।
आनंद देना सीखिए
श्री गोस्वामी ने कहा कि जीवन में हमेशा दूसरों का उपकार करें और उन्हें आनंद दें ये दोनों चीजें देने से स्वंय को श्री बांके बिहारी की कृपा से मिलती है और जीवन आनंदमय हो जाता है। क्योंकि सुख बटोरने की वस्तु है और आनंद बांटने की वस्तु है। इसी तरह उन्होंने कहा कि जब माता लक्ष्मी घर पर आती हैं तो दो वाहन से बैठकर आती हैं। एक उल्लू और दूसरा है गरुण। जब उल्लू पर बैठकर आती हैं तो श्रीनारायण उनके साथ नहीं होते और जब लक्ष्मी गरुण पर बैठकर आती हैं तो उनके साथ श्री नारायण होते हैं और स्थायी अखंड समृद्धि, खुशी व शांति की प्राप्ति होती है इसलिए हमेशा गरुण वाहन पर विराजित श्री लक्ष्मी का ध्यान – पूजन व आह्वान करें। इस तरह से अनेक अमृतमयी कथा से श्री गोस्वामी मृदुल कृष्ण शास्त्री जी श्रद्धालुओं को अमृतमयी कथा का रसपान करा रहे हैं।
बाल लीला का सुखद वर्णन
कथा स्थल में श्रीराम जन्मोत्सव और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को यादगार ढंग से मनाने के बाद आज श्री कृष्ण बाललीला, माखन चोरी, श्री गिरिराज लीला का सुखद वर्णन किया गया। वहीं कथा प्रसंग के छठवें दिन आज आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महारास कथा, रुक्मिणी विवाह कथा का रसपान कराएंगे।वहीं कथा प्रसंग के अंतर्गत मधुर भजन गीत के संग सैकड़ों श्रद्धालुगण भावविभोर होकर झूम रहे हैं और कथा स्थल श्री राधे के पवित्र मंत्र से गुंजित हो रहा है। सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन को भव्यता देने में श्री जिंदल परिवार के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं और श्रद्धालुओं के लिए शानदार व्यवस्था किए हैं। जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है।