रायगढ़। शहर के प्रतिष्ठित ढ़ाणेवाल गर्ग परिवार के श्रद्धालुओं द्वारा सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। व्यासपीठ पर विराजित हैं देश के सुप्रसिद्ध कथा वाचक भागवत आचार्य ताराचंद शास्त्रीय महाराज जी जो प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं को अपने दिव्य प्रवचनों से निहाल कर रहे हैं। वहीं आज उन्होंने गोपी उद्धव संवाद, रुक्मिणी विवाह प्रसंग को अत्यंत सहजता से सुनाकर मुग्ध कर दिए।
उद्धव का भ्रम मिट गया
व्यासपीठ पर विराजित आचार्य ताराचंद शास्त्रीय महाराज ने कथा प्रसंग अनुरूप कहा कि श्रीकृष्ण वियोग में तड़पती ब्रजगोपियों को समझाने पहुंचे प्रकांड विद्वान उद्धव जी उनके आलौकिक कृष्ण प्रेम को देखकर नतमस्तक हो गए। वे खुद भी उसी प्रेम की गहराईयों में विहवल हो गए और उनका सारा भ्रम मिट गया और वे भी जान गए कि प्रेम क्या है। गोपियों की तरह परमात्मा श्री मधुसूदन के प्रति प्रेम होना चाहिए। इसी तरह उन्होंने रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर कहा कि रुक्मिणी के भाई रुक्मणि का विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था लेकिन रुक्मिणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे।और वह जानती थी कि शिशुपाल असत्य मार्गी है और भगवान श्री मधुसूदन सत्य मार्गी हैं। इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को स्वीकार कीं। वहीं रुक्मिणी के प्रेम को समझ परमात्मा श्री राधे ने भी रुक्मणी को अपनाकर उनके मनोरथ को पूरी किए इस तरह पावन अमृतमयी कथा की धारा बह रही है। जिसमें भक्तगण डूबकी लगा रहे हैं।
रुक्मिणी विवाह की जीवंत झांकी
कथा प्रसंग के अंतर्गत आज कथा स्थल में रुक्मिणी विवाह की जीवंत झांकी निकाली गई। जिसे देखकर सभी हर्षित हुए और मधुर भजन गीत – संगीत के साथ सभी श्रद्धालुगण खुशी से झूमे आज कथा प्रसंग के अंतर्गत सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष की कथा होगी। वहीं इस पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजन को भव्यता देने में श्री ढ़ाणेवाल गर्ग परिवार के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।