रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए पावर प्लांट लगेंगे। करीब 3 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट सरकार को मिलेगा। सोमवार को रायपुर में हुए ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में इसे लेकर कई बड़ी कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया गया।
अब प्रदेश में न्यूक्लियर, थर्मल, सौर और पंप स्टोरेज जैसे सेक्टर में बिजली प्रोडक्शन के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। दावा किया गया है कि इससे प्रदेश के लोगों को सस्ती बिजली मिल सकेगी। इस समिट में खुद सीएम विष्णुदेव साय मौजूद रहे। उन्होंने कहा- यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो। छत्तीसगढ़ पहले से ही 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से ज्यादा है। अब हर व्यक्ति को 2048 किलोवाट-घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं। सीएम ने बताया कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपए की लागत से 4200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है। इससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी।
अडाणी ग्रुप कहां बनाएगा पावर प्लांट
थर्मल पावर क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणा हुई है। अडाणी पावर 66,720 करोड़ रुपए खर्च कर कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के 3 थर्मल पावर प्लांट लगाएगा। जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 12,800 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। वहीं सरदा एनर्जी रायगढ़ में 660 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 5,300 करोड़ रुपए लगाएगी। इसके अलावा, सरकारी कंपनियां एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल 41,120 करोड़ रुपए की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगी। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपए खर्च कर 2500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगे। इसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2000 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल होंगे।
किसानों को मिलेगी सस्ती बिजली
किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपए की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंपों की जरूरत कम होगी। इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपए की लागत से 8700 मेगावाट क्षमता के स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे।
इन प्रोजेक्ट पर बनी सहमति
परमाणु ऊर्जा- साफ और कुशल ऊर्जा उत्पादन के लिए 80,000 करोड़ का निवेश।
ताप विद्युत- राज्य की ताप विद्युत क्षमता को मजबूत करने के लिए 1,07,840 करोड़।
सौर ऊर्जा- सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए 10,000 करोड़।
पीएम कुसुम योजना- किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 4,100 करोड़।
पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं- ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में 57,046 करोड़।
क्रेडा सौर पहल- सौर ऊर्जा विस्तार के लिए 3,200 करोड़।
पीएम सूर्य योजना- राष्ट्रीय सौर छत परियोजना के तहत 6,000 करोड़।
सरकारी भवनों में सौर ऊर्जां- सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए 2,500 करोड़।
बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली- ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 2,600 करोड़।
पावर ट्रांसमिशन नेटवर्कं- बिजली पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए 17,000 करोड़।
वितरण क्षेत्र योजना- वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 10,800 करोड़।