रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान समाज सुधारक, शिक्षाविद् और मराठी कवयित्री श्रीमती सावित्रीबाई फुले की पुण्यतिथि (10 मार्च) पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रीमती फुले ने अपने अद्वितीय साहस और समर्पण से भारतीय समाज में शिक्षा और सामाजिक न्याय की क्रांति का सूत्रपात किया। उन्होंने न केवल खुद शिक्षा प्राप्त की, बल्कि वंचित वर्गों और महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोलकर सामाजिक चेतना को नई दिशा दी। उनका संपूर्ण जीवन अंधकार से प्रकाश की ओर समाज को अग्रसर करने की प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रीमती सावित्रीबाई फुले ने अपने कार्यों से न केवल महिलाओं और दलित समाज को जागरूक किया, बल्कि उन्होंने उन रूढिय़ों को भी चुनौती दी, जो समाज को प्रगति के मार्ग में रोकती थीं। उनकी अटूट प्रतिबद्धता और संघर्षशीलता हमें यह सिखाती है कि शिक्षा ही सशक्तिकरण की आधारशिला है। मुख्यमंत्री ने श्रीमती फुले के योगदान को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन दर्शन हमें समानता, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर आगे बढऩे की प्रेरणा देता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी को उनके विचारों और आदर्शों को आत्मसात कर एक समतामूलक, शिक्षित और सशक्त समाज के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय बलिराम कश्यप की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के पूर्व सांसद एवं प्रखर जननेता स्वर्गीय श्री बलिराम कश्यप की पुण्यतिथि (10 मार्च) पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि श्री कश्यप केवल एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि बस्तर के जन-जन के हृदय में बसे जननायक थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज और क्षेत्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय श्री कश्यप का राजनीतिक जीवन दृढ़ निष्ठा, ईमानदारी और अपार जनसमर्थन का प्रतीक था। वे जनसेवा की भावना से प्रेरित होकर राजनीति में आए और जनकल्याण को ही अपने सार्वजनिक जीवन का ध्येय बनाया। बस्तर की जनता के साथ उनका आत्मीय रिश्ता ही था कि उन्होंने मध्यप्रदेश विधानसभा से लेकर लोकसभा तक लंबे समय तक जनता का प्रतिनिधित्व किया और हर मंच पर उनकी आवाज बुलंद की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बलिराम कश्यप अपने विचारों और सिद्धांतों से कभी पीछे नहीं हटे। वे सदैव बस्तर की पहचान, उसके विकास और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहे। उनकी नेतृत्व क्षमता और संघर्षशीलता ने बस्तर को नई दिशा दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अपने चार दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने न केवल जनसमस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयास किया, बल्कि बस्तर के भविष्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सपना भी देखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री बलिराम कश्यप सही मायनों में बस्तर की आत्मा थे। उनकी सादगी, विनम्रता और नेतृत्व की ताकत ने उन्हें जनता के बीच अमर बना दिया है। उनका संघर्ष, सेवा और संकल्प हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व वही है जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और उसके जीवन में बदलाव लाए।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय बलिराम कश्यप का योगदान युगों-युगों तक स्मरणीय रहेगा।
सीएम साय ने सीआईएसएफ स्थापना दिवस की दी शुभकामना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (ष्टढ्ढस्स्न) के स्थापना दिवस (10 मार्च) के अवसर पर बल के सभी वीर जवानों, अधिकारियों तथा समस्त देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि सीआईएसएफ देश की सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो राष्ट्र के औद्योगिक, संवेदनशील प्रतिष्ठानों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। बल के जवान अपने अदम्य साहस, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा से हर परिस्थिति में राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहते हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सीआईएसएफ केवल औद्योगिक और रणनीतिक प्रतिष्ठानों की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि आपदा प्रबंधन, राहत एवं बचाव कार्यों से लेकर आतंरिक सुरक्षा तक, हर चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में अपने साहस और कर्तव्यपरायणता की मिसाल पेश करता है। उन्होंने कहा कि शांतिकाल हो, संकट की घड़ी हो या युद्धकाल, सीआईएसएफ के जवान अपने पराक्रम और निष्ठा से देशवासियों को सुरक्षित रखने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। यह स्थापना दिवस उनके योगदान को नमन करने और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश की सुरक्षा और विकास यात्रा में सीआईएसएफ का योगदान अमूल्य है। उन्होंने इस अवसर पर सीआईएसएफ के सभी वीर जवानों और उनके परिजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।