रायगढ़। जिले में उद्योगों को मनमाने तरीके से काम करने की अघोषित छूट मिली हुई है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें तमाम नियम कायदों को ताक पर रखते हुए प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली रसूख के आगे दंडवत नजर आ रही है। स्थिति यह है कि आला अधिकारियों द्वारा वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन को भी सिरे से नजर अंदाज किया जा रहा है। इस तरह के मामलों पर उचित कार्रवाई करने में अधिकारी कोई रुचि नहीं रख रहे हैं। ऐसे में वन विभाग द्वारा बनाए गए नियम, कानूनों को निजी उद्योग समूह खुलेआम रौंद रहे हैं।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भालूपखना में धनवादा पावर और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी उद्योग समूह और विभागीय अधिकारियों की मनमानी पूर्ण कार्यशैली का बदतर नमूना सामने आया है, जिसमें पहले वन भूमि पर बिना अनुमति के प्रोजेक्ट का कार्य शुरू किया गया। इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने काफी टालमटोल के बाद जांच कराई। वन विभाग की जांच में एफसीए का उल्लंघन प्रमाणित हुआ। जांच रिपोर्ट में संबंधित और प्रभावित वन भूमि पर प्रोजेक्ट का काम करने पर रोक लगाई गई। हालांकि, यह रोक जमीनी स्तर पर कुछ समय तक ही प्रभावी रही। जांच के कुछ समय बाद इस वन भूमि पर काम शुरू कर दिया गया। यह स्पष्ट नहीं है कि वन विभाग द्वारा इस वन भूमि पर काम करने पर लगी रोक को कब हटाया गया।
वर्तमान समय में धनवादा पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के इस लघु जल विद्युत परियोजना का क्रियान्वयन जारी है। विवाद से जुड़े वन भूमि के साथ साथ प्रभावित गैर वन भूमि पर भी काम चल रहा है। यह स्थिति तब है जब इस प्रोजेक्ट के लिए वन मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। बिना वन मंजूरी के गैर वन भूमि पर प्रोजेक्ट का कार्य करने के मामले में कार्रवाई के लिए महीनों पहले प्रस्तुत किए गए अनुरोध को वन अधिकारी ने पूरी तरह से अनदेखा कर दिया है। इसके अलावा वन विभाग के आला अधिकारी केंद्रीय मंत्रालय के दिशा निर्देश का पालन कराने में भी असमर्थ रहे हैं। ऐसे में धनवादा कंपनी के इस मामले में वन विभाग के स्थानीय आला अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सब के बीच खबर है कि इस प्रोजेक्ट की कागजी प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए कंपनी फिर से सक्रिय हुई है और अधिकारी का रवैया, जियो और जीने दो वाले, पुराने ढर्रे पर चल रहा है।
धनवादा कंपनी से जुड़ा विवाद गहराने लगा
जिम्मेदारों के संरक्षण में वन अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन, वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल
