रायगढ़। शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ से संबद्ध जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ में विगत 3 मार्च को सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया।वहीं इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ गजेंद्र चक्रधारी ने बताया कि इस सम्मान समारोह में इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट (म.प्र.) द्वारा जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ के चेयरमैन शिरीष सारडा को राष्ट्रीय सारस्वत विदश्री व डायरेक्टर श्रीमती तृप्ति अग्रवाल को राष्ट्रीय लक्ष्याधीपति विदश्री सम्मान से अलंकृत एवं सम्मानित किया गया।इस सम्मान से सम्मानित करने हेतु बालाघाट (म.प्र.) से भारत के प्रसिद्ध पुरातत्ववेता,साहित्यकार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान भारत कैम्प बालाघाट (म प्र )डॉ वीरेंद्र सिंह गहरवार एवं अध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान बालाघाट एवं गंगोत्री पत्रिका के प्रधान सम्पादिका साहित्य रत्न डॉ कविता गहरवार का आगमन हुआ। राष्ट्रीय सारस्वत विदश्री एवं राष्ट्रीय लक्ष्याधीपति विदश्री सम्मान से सम्मानित करने के पश्चात प्रसिद्ध पुरातत्ववेता,साहित्यकार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान भारत कैम्प बालाघाट (म.प्र.)डॉ वीरेंद्र सिंह गहरवार ने बताया कि राष्ट्रीय साहित्य व पुरातत्व का 23 वें अनोखे महाभव्य अनुष्ठान के माध्यम से यह पुरस्कार एवं सम्मान हिंदी भाषा, साहित्य, इतिहास एवं संस्कृति शैक्षिक प्रचार प्रसार,पत्रकारिता,सामाज सेवा पारस्परिक सौहार्द बढ़ाने में प्रशंसनीय योगदान देने पर इस सम्माननोपकपि से आज अलंकृत किया गया है जिसे प्रदान करते हुए हमारी संस्थान अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रही है। अध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान बालाघाट एवं गंगोत्री पत्रिका के प्रधान सम्पादिका साहित्य रत्न डॉ कविता गहरवार ने कहा कि मैं यहां पर आके जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ के संस्था के चेयरमैन एवं डायरेक्टर को यह पुरस्कार सम्मान से सम्मानित करती हुई गर्व महसूस कर रही हूं यह सम्मान हेतु चयन इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट म प्र द्वारा अक्षरश: सही व्यक्तित्व को आज प्रदान किया गया है मैं इन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं। राष्ट्रीय लक्ष्याधीपति विदश्री सम्मान से सम्मानित होने पर जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ की डायरेक्टर श्रीमती तृप्ति अग्रवाल ने कहा कि मैं यह सम्मान पाकर अभिभूत हूं यह मेरे जीवन की स्वर्णिम क्षणों में एक है यह अविस्मरणीय रहेगा। पुरस्कार सम्मान प्रदान करने के लिए इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट म.प्र. के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसिद्ध पुरातत्ववेता साहित्यकार डॉ वीरेन्द्र सिंह गहरवार एवं अध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान बालाघाट एवं गंगोत्री पत्रिका के प्रधान सम्पादिका साहित्य रत्न डॉ कविता गहरवार का हृदय से धन्यवाद देती हूं।
जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ के चेयरमैन श्री शिरीष सारडा ने कहा कि इस अलंकरण से सम्मानित होना मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।अगर आप अपने कर्तव्य पथ अडिग रहते हुए शिक्षा को आधार बनाकर पर अच्छे कर्म करते हुए निरंतर सक्रियता से अपने दायित्वों का निर्वाह करते हैं तो निश्चित ही इसका परिणाम आल्हादकारी होता है जो आज वस्तुत: चरितार्थ हुआ है। मुझे यह सम्मान अलंकरण से विभूषित किए हैं इसके लिए मैं इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान संग्रहालय बालाघाट मप्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसिद्ध पुरातत्ववेता साहित्यकार डॉ वीरेन्द्र सिंह गहरवार एवं अध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्थान बालाघाट एवं गंगोत्री पत्रिका के प्रधान सम्पादिका साहित्य रत्न डॉ कविता गहरवार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ के प्राचार्य डॉ गजेंद्र चक्रधारी ने इस अवसर का कुशलता से मंचीय संचालन करते हुए इस आयोजन को सफल बताया और चेयरमैन शिरीष सारडा को राष्ट्रीय सारस्वत विदश्री व डायरेक्टर श्रीमती तृप्ति अग्रवाल को राष्ट्रीय लक्ष्याधीपति विदश्री सम्मान से अलंकृत होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। वहीं जी जी बोर्डिंग इंग्लिश मीडियम स्कूल धनुहारडेरा के प्राचार्य सतीश पांडेय ने भी यह राष्ट्रीय स्तर के अलंकरण से सम्मानित होने पर चेयरमैन व डायरेक्टर को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ के समस्त शैक्षणिक अशैक्षणिक स्टॉफ एवं गार्जियन एंड गाईड इंग्लिश मीडियम स्कूल धनुहारडेरा के समस्त स्टॉफ सहित कॉलेज के अधिक संख्या में बीएड, यू जी पीजी के छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।
जानकी कॉलेज के डायरेक्टर तृप्ति व चेयरमैन शिरीष राष्ट्रीय लक्ष्याधीपति विद्श्री एवं राष्ट्रीय सारस्वत विद्श्री से विभूषित
जानकी कॉलेज के डायरेक्टर तृप्ति व चेयरमैन शिरीष राष्ट्रीय लक्ष्याधीपति विद्श्री एवं राष्ट्रीय सारस्वत विद्श्री से विभूषित
