कांकेर। जिले की बांदे तहसील मुख्यालय में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक इन दिनों पदस्थ अमले की मनमानी के चलते भर्राशाही का सराय बनकर रह गया है। यहां लेन-देन करने पहुंचे किसानों को भटकाया जाता है और दलालों का चंद मिनटों में ही बीआईपी व्यवस्था के साथ काम निबटा दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो उक्त बैंक में व्यापारियों का काम पहले होता है, जबकि किसानों को राशि न होने का बहाना बताकर भटका दिया जाता है। किसानों को छोटे-छोटे लेन-देन के लिए बैंक में दो, दो तीन-तीन दिन चक्कर का पड़ रहे हैं। खाता धारकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं देखा गया कि कांकेर जिले के तहसील बांदे के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक परिसर के बाहर धूप में दिन भर पैसे के भरोसे किसानों को रहना होता है,दिन गुजरने के बाद भी किसानों को अपनी हक की पैसा नही मिलती है,और मायूस होकर किसान दो तीन दिन तक बैंक का चक्कर काटते है,साथ ही बैंक प्रबंधक द्वारा परिसर के बाहर छाया तक की व्यवस्था नहीं कराई गई है,एवं बैंक में पेयजल तक की समुचित व्यवस्था नहीं है पर्याप्त छाया तक की व्यवस्था तक नहीं है। लेन-देन करने पहुंचने वाले खाताधारक चाय-नाश्ता की होटलों का सहारा लेने को मजबूर हैं।लोगों का कहना है कि बांदे का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में पदस्थ शाखा प्रबंधक सहित कर्मचारियों की मनमानी का शिकार गरीब किसान हो रहा है।