रायगढ़. गोवर्धनपुर रोड से एश्वर्यम कॉलोनी की सडक़ पिछले लंबे समय से बदहाली का दंश झेल रहा है। जिसको लेकर रविवार को सुबह कॉलोनी के लोगों ने चक्काजाम शुरू कर दिया। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद चार घंटा बाद करीब चक्काजाम समाप्त हुआ तब जाकर वाहनों की आवागमन शुरू हो सका। इस दौरान सडक़ के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।
उल्लेखनीय है कि शहर के गोबर्धनपुर मार्ग विगत लंबे समय से अपनी दुर्दशा पर आंशु बहा रहा है। ऐसे में बरसात के दिनों में यह मार्ग कीचड़ में तब्दील हो जाता है तो वहीं शुष्क मौसम होते ही धूल से सराबोर रहता है। जिसके चलते राहगीरों को आने-जाने में समस्या होता है तो वहीं सडक़ किनारे एश्वर्यम कालोनी के रहवासी भी हर दिन परेशान होते हैं। साथ ही बरसात के दिनों में तो इस जर्जर सडक़ के चलते घरों से निकलना भी दूभर हो जाता, जिसके चलते हमेशा इस मार्ग पर छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं भी होती रहती है। जिसको लेकर कालोनवासी लगातार इस सडक़ की सुधार की मांग करते रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा है। ऐसे में रविवार को इनकी सब्र का बांध टूट गया और सुबह 9 बजे कालोनीवासी सडक़ को जामकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ऐसे में इसकी जानकारी मिलते ही चक्रधरनगर थाना प्रभारी अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और उन्हें समझाईश देने लगे, लेकिन इसका असर प्रदर्शनकारियों पर नहीं हुआ, जिसके बाद तहसीलदार ने मौके पर पहुंच कर आश्वासन दिया कि बहुत जल्द इस मार्ग व्यवस्थित किया जाएगा तब जाकर दोपहर करीब एक बजे प्रदर्शन समाप्त हो सका। इस संबंध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि इस सडक़ में भारी वाहनों की रेलम-पेल के चलते बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जो गर्मी के दिनों में धूल तो बारिश के दिनों में कीचड़ में तब्दील हो जाता है। साथ ही लगातार वाहनों की आवागमन के चलते इनके घरों में धूल की परत जम जा रही है। जिसके चलते हमेशा सर्दी-खांस से परेशान रहते हैं। इसके साथ ही सुबह से लेकर रात तक भारी वाहनों की लाइन लगी रहती है। जिस कारण हादसों का डर बना रहता है। जिसको लेकर पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ आश्वासन देकर ही भूल जाते हैं। इससे फिर से आज लोगों का आक्रोश फुट गया और प्रदर्शन शुरू कर दिया।
रफ्तार पर नहीं है लगाम
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि इस मार्ग से होकर ट्रक और डंपर जब चलते हैं, तो इनकी रफ्तार भी निर्धारित गति से काफी तेज होती है। जिसके चलते पहले भी हादसे में दो युवकों की मौत हो चुकी है। ऐसे में इस मार्ग से चलना हमेशा खतरनाक साबित होता है। यह सडक़ बाइपास होने के कारण उद्योगों में चलने वाले भारी वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं, जिसके चलते यह सडक़ विगत लंबे समय से गड्ढों में तब्दील है, साथ ही बीच-बीच में इन गड्ढों में मिट्टी डाल दिया जाता है, जो वाहनों के लगातार चलने के कारण दिन-रात धूल का गुब्बार उठता है। इसके बाद भी वाहनों की रफ्तार कम नहीं होती है।
जर्जर सडक़ को लेकर एश्वर्यम कालोनीवासियों ने किया चक्काजाम
सडक़ में प्रदर्शन करने से दोनों तरफ भारी वाहनों की लगी कतार
