सारंगढ़। क्षेत्र के ग्राम पंचायत कटंगपाली, बोन्दा, नौघटा, छेलफोरा और मौहापाली में अवैध डोलोमाइट खनन जोरों से चल रहा है, इनको ना तो माइनिंग विभाग का डर है और ना ही पुलिस प्रशासन का कोई खौप, बेधडक़ होकर बगैर लीज वाली एरिया से बड़े-बड़े पोकलेन मशीन द्वारा डोलोमाइट निकालकर मालामाल हो रहे हैं और शासन को लाखों नहीं करोड़ों रूपयों का चूना लगाया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों के बताए अनुसार चार ग्रामीण और बड़े-बड़े सेठ उस खदान से डोलोमाइट निकालकर अवैध रूप से क्रशरों में खपाया जा रहा है। इनको माइनिंग विभाग का कोई डर ही नहीं है, क्योंकि यहाँ तो लक्ष्मी जी की चढ़ावे पर ही खुश हैं। यहां कांग्रेस शासन से बहुत सारे खदानें संचालित हो रही हैं और भाजपा के शासन में भी हो रही है चाहे सरकार किसी की भी हो यहाँ डोलोमाइट की खदानें अवैध तरीके से ही संचालित हो रही है, लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है और देखेगा भी कैसे अधिकारी ही आंख मूंद कर चल रहे हैं और कहा जा रहा है कि अधिकारियों की देखने और सुनने की शक्ति चली गई है, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं वहां के ग्रामीण बता रहे हैं। यहां तो माइनिंग विभाग के प्रभारी तेज तर्रार में माने जाते हैं वह जिस जिले में भी रहे हैं वहां पर ताबड़तोड़ कार्रवाई किए हैं लेकिन जैसे ही सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में आए हैं तो कार्रवाई के नाम पर जीरो हो गए हैं और यहां खदानों पर कभी कार्यवाही नहीं हो रही है। कहा जा रहा है कि यहाँ सिर्फ फलों पर ही कार्यवाही हो रही है और जड़ जैसे के वैसे ही है। जहां से अवैध तरीके पत्थर निकाला जा रहा है वहाँ माइनिंग विभाग के अधिकारी कार्यवाही के नाम पर जीरो साबित हो रहे हैं।
विगत वर्ष अवैध खनन पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करवाई हुआ था लेकिन अब जीरो है। वहीं जानकारों की माने तो विगत वर्ष माइनिंग विभाग ने रात के अंधेरे में अवैध खदान में जाकर ताबड़तोड़ कार्यवाही की थी। लेकिन अब नहीं हो रही है कार्रवाई जिससे विभाग की हो रही है किरकिरी औरयहाँ स्थानीय प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है। कटंगपाली और सल्हेओना से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर सरिया स्थित है जहाँ तहसीलदार भी विराजमान करते हैं, लेकिन यहां अवैध तरीके से भूमियों पर हो रहे अवैध खनन पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है, क्योंकि यहां तो लक्ष्मी जी की महान कृपा है। रायगढ़ जिला से अलग करके सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला स्थापित किया गया है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर को भी जनदर्शन में कई बार इसकी शिकायत दिया जा चुका है, लेकिन इससे कोई मतलब नहीं है। अगर कलेक्टर जैसे अधिकारी इसको सुधार नहीं सकते हैं तो आखिर कौन इस अवैध खनन को सुधरेगा, आखिर कब होगी इन पर कार्यवाही?
अवैध ब्लास्टिंग से दहल उठा रहा क्षेत्र
वहाँ जानकारी की माने तो ब्लास्टिंग से कारोबार जोरों पर चल रहा है कहीं कोई बड़ा हादसा ना ही जाए, क्योंकि बड़े-बड़े पोकलेन मशीन लगाए हुए हैं तो जाहिर सी बात है कि वहाँ ब्लास्टिंग किया जा रहा है जिससे क्षेत्र दहल उठते हैं, लेकिन इस पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इसको रोकने के लिए पुलिस प्रशासन भी है लेकिन पुलिस प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। नए अधिकारी आए हैं तब से पूरा संरक्षण देकर अवैध खनन चल रहा है। आज करीब,3 से 4 महीने हो चुके हैं जिला में नया नया अधिकारी आए हुए लेकिन कार्यवाही के नाम पर जीरो और अवैध तरीके से यहां पत्थर निकालकर क्रशरों में खापाया जा रहा है। अवैध खदान के दलालों को किसी का कोई खौफ नहीं है बेखौप होकर दिन-रात अवैध खदान चला रहे हैं लेकिन इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है, क्योंकि वहां भी लक्ष्मी जी की असीम कृपा है तभी तो आज तक कार्यवाही नहीं हुई है। माफियाओं और अवैध डोलोमाइट के दलाल काली रातों में अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।
कई क्रशरों में अवैध भंडारण कर रखे हैं डस्ट
वहीं अगर सारंगढ़-बिलाईगढ़ माइनिंग विभाग के तेज तर्रार अधिकारियों में जाने वाले खनिज अधिकारी बजरंग पैंकरा अगर कटंगपाली के क्रशरों में जाकर जांच करें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, क्योंकि अगर डोलोमाइट की क्रशिंग होगी तो जाहिर सी बात है कि वहां डस्ट भी निकलेगा, लेकिन कटंगपाली के कई क्रशरों में जांच किया जाए तो पता चलेगा कि अवैध रूप से कई हजार टन डस्ट केशर में पड़ा हुआ है। इससे पता चलेगा कि अगर क्रेशर में लाखों टन डस्ट पड़ा हुआ है तो कितनी सारी अवैध पत्थर लेकर डोलोमाइट की सेलिंग किया गया होगा। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में तेज तर्रार कहे जाने वाले अधिकारी बजरंग इन पर क्या कार्यवाही करते हैं।
अवैध डोलोमाइट की खनन कर शासन को लगा रहे हैं चुना
बड़े-बड़े पोकलेन मशीन और ट्रैक्टरों से निकाले जा रहे हैं अवैध पत्थर, कलेक्टर का भी नहीं है ध्यान, क्रेशरों में अवैध तरीके से डंप है हजारों टन डस्ट, आखिर कब होगी जांच?
