रायगढ़। महाशिवरात्री के लिए शहर सहित अंचल के शिवालयों में विगत सप्ताहभर से तैयारी चल रही थी जो एक दिन पहले ही पूरी कर ली गई है। इस दौरान रंग-रोगन तो कहीं रंग-बिरंगी झालरों से शिवालय को सजाया गया है, जो शाम होते ही एक अलग ही अहसास करा रहा है। साथ ही इस बार 61 साल बाद सूर्य, बुध और शनि तीनों ग्रह एक साथ कुंभ राशि में प्रवेश कर रहा है, जिससे त्रिग्रही संयोग बन रहा है, इससे लेकर लोगों में खासा उत्साह है। इसके साथ ही मंदिरों में रुद्रभिषेक के साथ महाभंडारे का भी आयोजन किया जाएगा तो कहीं भगवान भोलेनाथ की बारात निकाली जाएगी, जिसकी भी तैयारी मंगलवार शाम तक कर ली गई है।
उल्लेखनीय है कि इस बार महाशिवरात्रि पर्व बुधवार को मनाया जा रहा है, जिसको लेकर अंचल के शिव मंदिरों में विगत सप्ताहभर पहले से ही तैयारियां चल रही थी, जो मंगलवार देर शाम तक पूरी कर ली गई।
साथ ही कोसमनारा स्थित सत्यनारायण बाबा धाम में भक्तों की भीड़ को देखते हुए पहले से ही वेरिकेट्स भी लगा दिए गए हैं, ताकि यहां भोलेनाथ के दर्शन करने वाले भक्तों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। वहीं शहर के निकले महादेव मंदिर के पुजारी पंडित धीरत कृष्ण शर्मा ने बताया कि इस बार 61 साल बाद विशेष संयोग में महाशिवरात्री पर्व बधुवार को पड़ रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन श्रवण व धनिष्ठा नक्षत्र का युग्म संयोग, परिघ योग एवं शिव योग बन रहा है जो विशेष संयोग होगा, साथ ही इस दिन चंद्रमा की मकर राशि में उपस्थिति भी शुभकारी होगी। इस वर्ष की महाशिवरात्रि इसलिए भी विशेष है कि सन 1965 के बाद 2025 में सूर्य, बुध और शनि, तीनों ग्रह एक साथ कुंभ राशि में रहेंगे। तीनों ग्रह एक ही जगह मिलकर त्रिग्रही संयोग निर्मित कर रहा है। जिससे 61 साल बाद महाशिवरात्रि पर ‘बुधादित्य योग’ भी बन रहा है।
इस महाशिवरात्रि पर यह बुधादित्य योग जातकों के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी करने वाला साबित होगा। इस शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विधिवत पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ती होगी। जिससे शिवरात्री पर्व को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है, इससे सभी शिवालयों में विशेष व्यवस्था की गई है, वहीं जगह-जगह अखंड रुद्राभिषेक का भी आयोजन रखा गया है, जिसमें भक्त शािमल होकर पूण्र्य के भागी बनेंगे।
फूल-माला की जमकर हुई बिक्री
उल्लेखनीय है कि बुधवार को महाशिवरात्री पर्व होने के कारण लोग एक दिन पहले से ही खरीदी कराना शुरू कर दिए हैं। ऐसे में गौरीशंकर मंदिर के बाहर फूल-माला की दुकानें मंगलवार दोपहर से ही सज गई थी, जिससे शहर भर के लोगों ने जमकर खरीदी की है। वहीं भक्तों का कहना था कि बुधवार को होने वाली भीड़ से बचने के लिए पहले से खरीदी कर रहे हैं, ताकि सुबह में जल्दी आकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर सके।
शाम होते ही जगमगा उठा देवालय
शहर सहित अंचल के शिव मंदिरों को सप्ताहभर पहले से ही सजावट का कार्य शुरू हो गया था, जो अब आकर्षक लाईटों से जगमगाने लगा है, जो भक्तों को खुब भा रहा है। शहर के ह्दय स्थल पर स्थित गौरीशंकर मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन होना है, जिसकी सारी तैयारी हो चुकी है, ऐसे में बुधवार सुबह से यहां पूजा-पाठ शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही कोसमनारा स्थित बाबा धाम में भी भक्तों की भीड़ को देखते हुए बेरिकेट्स लगा दिए गए हैं, ताकि भक्त आसानी से भोलनाथ की पूजा-अर्चना कर सके, इसके साथ ही यहां महाभंडारे का भी आयोजन किया गया है।
क्यों खास है महाशिवरात्रि का पर्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती, दोनों ही पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने के लिए निकलते है। इसलिए माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर शिव पूजा करने से भगवान अपने भक्तों की पुकार को शीघ्र सुनते है। महाशिवरात्रि की पूजा को एक हजार अश्वमेघ यज्ञ तथा सैकड़ों वाजपेयी यज्ञ के समान पुण्यकारी बताया गया है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शनि के केंद्र में होने से त्रिग्रही योग बनेगा, जो विशेष फलकारी रहेगा।
त्रिग्रही संयोग में आज मनाया जाएगा महाशिवरात्री पर्व
सूर्य, बुध और शनि तीनों ग्रहों का 61 साल बाद हो रहा मिलन, शहर में भूत-पिचास के साथ निकलेगी शिवजी की बारात
