रायगढ़। शहर में डेंगू के बढ़ते मामलों के रोकथाम के लिए कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के सख्त निर्देश के पश्चात स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग की टीम ने फील्ड में उतरकर कर डेंगू सर्वे और लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है। इन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद मैदानी स्तर पर अभियान की कमान संभाल रखी है। शहर में बढ़ते मामलों को देखते हुए कलेक्टर श्री सिन्हा ने डेंगू नियंत्रण में लगे विभागों के अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी निरस्त कर दी हैं। स्थिति को नियंत्रण में लाने को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा गया है। निगम अमले को भी लगातार कचरे के उठाव और दवा के छिडक़ाव को लेकर हिदायत दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग से डॉ.भानु पटेल ने बताया कि मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर घर घर सर्वे करवाया जा रहा है। घरों में कहीं पानी जमा तो नही इसकी जांच की जा रही है। कूलर, फ्रिज के पीछे का कंटेनर, खुले में पड़े टायर, गमले, बॉक्स और टंकियों में जमा पानी को खाली करवाया जा रहा है। खुली टंकियां जिससे पानी का सप्लाई होता है उसे ढंकवाया जा रहा है। डेंगू से रोकथाम के लिए जरूरी निर्देशों की जानकारी देकर उसे अमल में लाने की सलाह भी लोगों को सर्वे टीम दे रही है। घर में यदि कोई बीमार है तो उसकी जांच कराने और सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
डेंगू से बचाव के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
डेंगू के कारण एवं लक्षण, उसके रोकथाम व बचाव के उपाय के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि डेंगू से डरने की जरूरत नहीं हैए बल्कि सावधान और जागरूक रह कर इससे बचा जा सकता है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह दिन में काटता है। पाँच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण नजर आते हैं। उन्होंने जिलेवासियों को डेंगू बीमारी से खुद को बचाने के लिए विभिन्न उपायों का पालन करने की सलाह दी है।
क्या करना चाहिए
बारिश के बाद अपने घर के आसपास पानी जमा होने की जांच करें। सभी पानी के कंटेनरों/ओवरहेड टैंकों आदि को ठीक से ढककर रखें। हफ्ते में एक बार घरोंए कार्यालयों, कारखानों, स्कूलों आदि में सभी कूलरों और कंटेनरों को साफ कर के सुखाएं। हर हफ्ते फ्रिज की पिछली ट्रे में पानी जमा होने की जांच करें और उन्हें अच्छे से सुखाएं। पक्षियों और जानवरों को खिलाने वाले बर्तन डेंगू का कारण बनने वाले मच्छर के प्रजनन का संभावित स्रोत हैं इसलिए इन्हें स्क्रब से साफ करें और हर हफ्ते पानी बदले। मच्छरों के काटने से बचने के लिए दिन के समय खुले हिस्सों पर मच्छर निरोधक का प्रयोग करें। मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े और लंबे कपड़े व पतलून पहनें जो हाथ और पैरों को ढकें। मच्छरों को दूर रखने के लिए जालीदार दरवाजे व खिड़कियां, मच्छर कॉइल वेपरमैट आदि का उपयोग करें। दिन के समय विशेष रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। उपरोक्त किसी भी तरीके से डेंगू के मरीजों को मच्छर के काटने से बचाएं। सुनिश्चित करें कि ईमारतों के आसपास के जमीनी क्षेत्रों मेंए छत पर कोई जलजमाव न हो और खुले स्थानो पर कोई टूटा हुआ फर्नीचर या कबाड़ न हो।
क्या नहीं करना चाहिए
टूटे हुए मिट्टी के बर्तन, बोतलें, गमले, फुलदान आदि को बाहर या छतों पर इक_ा न होने दें। उपयोग में न होने पर डेजर्ट कूलर में पानी न छोड़ें। फूलों के गमलों के नीचे प्लेटें न रखें। पानी को बिना ढके या ठीक से ढके हुए कंटेनरों और टैंकोंं में न रखें। घरों, वर्कशॉप, गोदामों आदि के बाहर टायर न रखें। नारियल पानी पीने के बाद नारियल के छिलकों को खुले में न फेंके, क्योंकि इन छिलकों में बारिश का पानी जमा हो सकता है, जिससे मच्छर पनप सकते हैं। गिलास, कप, प्लेट, कुल्हड़ आदि जैसी डिस्पोजेबल वस्तुओं को खुले में न फेंकें क्योंकि इन वस्तुओं में भी पानी जमा होने से मच्छरों के प्रजनन का खतरा हो सकता है। डेंगू बुखार के रोगियों को एस्पिरिन और ब्रुफेन न दें, प्लेटलेट्स बहुत कम होने पर रक्त स्राव हो सकता है इसलिए टेबलेट पेरासिटामोल का उपयोग बुखार और शरीर दर्द के लिए किया जा सकता है।