रायगढ़। जिले के जंगलों में इन दिनों 169 हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे है। हाथी प्रभावित इलाकों में जहां शाम ढलते ही गांव की गलियां सुनी हो जा रही है वहीं रात होते ही हाथियों से चिंघाड़ से पूरा का पूरा गांव गूंजने लगा है। डर के साये में लोग अपने-अपने घरों में दुबकने पर विवश हो चुके है। वन विभाग के अलावा हाथी मित्र दल के सदस्य लगातार हाथियों के दल पर निगरानी बनाये हुए काम करते आ रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक वन विभाग के अनुसार इन दिनों रायगढ़ जिले के जंगलों में कुल 169 जंगली हाथी अलग-अलग बीट में विचरण कर रहे, अगर हम रायगढ़ वन मंडल की बात करें तों यहां के जंगल में कुल 28 हाथी हैं वहीं धरमजयगढ़ वन मंडल में 141 हाथी अलग-अलग रेंज के में विचरण कर रहे हैं। रायगढ़ जिले में एक लंबे अर्से बाद जंगली हाथियों की इतनी बड़ी संख्या की वजह से हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों में अब दहशत व्याप्त हो चुका है। शाम ढलते ही गांव की गलियों में सन्नाटा पसर जाता है।
11 किसानों की फसलों को नुकसान
बीती रात जंगली हाथियों के दल ने धरमजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत आने वाले ओंगना में 01, फतेपुर में 02, चुहकीमार, तरेकेला में 03, पुरूंगा में 04 के अलावा बंगरसुता में 01 किसान की धान व चावल की फसल को हाथी ने नुकसान पहुंचाया है। इस मामले की जानकारी के बाद आज सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन करने में जुटी हुई है।
ग्रामीण कर रहे रतजगा
धरमजयगढ़ वन मंडल के कई गांव ऐसे हैं जहां जंगली हाथियों के खौफ से वहां के ग्रामीण रतजगा करने पर विवश हो चुके हैं। हाथियों की अगर बात करें तो जिले में कुल 58 नर हाथी, 77 मादा हाथी के अलावा 34 हाथी के बच्चे शामिल है। हाथियों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों में क्या महौल होगा।
हाथियों से चिंघाड से गूंजता गांव
दिन भर जंगलों में विचरण करने वाले जंगली हाथियों का दल रात होते ही भोजन और पानी की तलाश में लगातार गांव की बस्ती की ओर रूख कर रहे हैं ऐसें में जब गांवों में इनका आगमन होता है पूरा का पूरा गांव गजराजों के चिंघाड़ से सिमट कर रह जाता है। लोग चाह कर भी अपने घरों व फसलों को बचाने कोई कदम नही उठा पा रहे हैं।
गर्मी में हाथियों की संख्या में होता है इजाफा
हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीण बताते हैं कि रायगढ़ जिले के जंगलों में यूं तो हर साल हाथियों की मौजूदगी रहती है और उनकी संख्या में कमी और बढोतरी होते रहती है। खासकर गर्मी के दिनों में यहां जंगली हाथियों की संख्या में काफी इजाफा हो जाता है। इस दरम्यान हाथी कभी दिन तो कभी रात में भोजन व पानी की तलाश में गांव पहुंचकर जमकर तबाही मचाकर वापस गांव लौट जाते है।
वन विभाग व हाथी मित्र दल मुस्तैद
रायगढ़ जिले के अलग-अलग जंगलों में हाथियों की बड़ी संख्या को देखते हुए वन विभाग के अलावा हाथी मित्र दल के सदस्य लगातार मुस्तैद होकर काम करते आ रहे हैं। ड्रोन कैमरे की मदद से हाथियों के पल-पल मूवमेंट को कैमरे में कैद करते हुए गांव-गांव पहुंचकर लोगों का सावधानी बरतने की अपील की जा रही है ताकि उनके क्षेत्र में हाथी और मानव के बीच होनें वाले द्वंद को रोका जा सके।
ड्रोन कैमरे से रखी जा रही नजर
रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों की बढ़ी हुई संख्या को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के साथ-साथ हाथी मित्र दल के सदस्य भी लगातार सुबह से लेकर देर शाम तक जंगल-जंगल भ्रमण कर हाथियों के हर मूवमेंट को अपने कैमरे में कैद कर लोगों को हाथियों के हर मूवमेंट से अवगत कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे है।
जिले के जंगलों में विचरण कर रहे 169 हाथी
रतजगा कर रहे कई गांव के ग्रामीण, शाम होते ही हाथियों के चिंघाड़ से गूंज उठता है ग्रामीण अंचल
