जशपुरनगर। टमाटर के गिरते दाम ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। आलम यह है कि खेती की लागत तो दूर तुड़ाई की कीमत भी किसान को नहीं मिल पा रही है। किसान टमाटर प्रदेश से बाहर भेजने के लिए कैरेट में सजाकर मंडी ला रहे हैं। पर बीते एक सप्ताह से दूसरे प्रदेशों में की मंडी में मांग लगभग खत्म है। ऐसे में स्थानीय मंडी में टमाटर के दाम 1 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। दाम इतने नीचे आने की यह स्थिति छह साल बाद बनी है। बागबहार इलाके में किसान टमाटर 30 रुपए भार बेच रहे हैं। एक भार में 26 से 28 किलो टमाटर आता है। राजधानी रायपुर में थोक में 3 से 5 रुपए किलो चल रहा है। प्रदेश में रायपुर समेत कई शहरों में 3 महीने पहले दिसंबर के मध्य में टमाटर थोक में 35 रुपए किलो बिक रहा था। तब स्थानीय टमाटर की आवक नहीं थी। जैसे ही लोकल आमद हुई। टमाटर सस्ता होता गया। बीते करीब दो महीने से भाव थोक में 10 रुपए के पार नहीं पहुंच पाए हैं।
छत्तीसगढ़ टमाटर उत्पादन का हब
छत्तीसगढ़ को मध्यभारत का टमाटर उत्पादन का हब कहा जाता है। दुर्ग, जशपुर, महासमुंद, मुंगेली, बालोद जिले में बड़े पैमाने पर टमाटर उत्पादन व उसका निर्यात होता है। उद्यानिकी विभाग के मुताबिक जशपुर जिले में टमाटर का उत्पादन क्षेत्र 1 लाख एकड़ से अधिक है। प्रदेश का टमाअर ओडिशा, झारखंड और यूपी जाता है, पर वहां मांग नहीं है।
जशपुर में छह साल बाद रेट टमाटर 1 रु. किलो
