रायपुर। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने धर्मांतरण, लव जिहाद और गौ-हत्या रोकने के लिए राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। उन्होंने दोनों पर कड़े कानून के प्रावधान लागू करने की मांग की है। राज्यपाल को भेजी चि_ी में कहा कि, इसी बजट सत्र में नए कानून बनाकर लागू किया जाए। उन्होंने कांग्रेस की शह पर धर्मांतरण-मतांतरण को बढ़ावा दिए जाने का भी दावा किया है। राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भेजी चिट्ठी में बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा है कि, धर्म हमारी संस्कृति की आधारशिला है। गौ सेवा इसका अभिन्न अंग है। लेकिन हाल ही में छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और गौ तस्करी के मामले सामने आए हैं, जो सनातन मूल्यों के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। विदेशी फंडिंग के जरिए प्रलोभन, छल और भय के आधार पर धर्मांतरण को एक उद्योग के रूप में संचालित किया जा रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की शह पर न केवल आदिवासी इलाकों में बल्कि छत्तीसगढ़ के गांवों और शहरी क्षेत्रों में भी ईसाई मिशनरियों ने गरीब और असहाय वर्ग के लोगों को लालच देकर मतांतरण कराया है। साथ ही, लव जिहाद के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है। जिसमें रायपुर समेत राज्य के कई हिस्सों में षड्यंत्रपूर्वक धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। संविधान के अनुच्छेद 25(1) के अनुसार, हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता है, लेकिन अनुच्छेद 25(2) के तहत राज्य को यह अधिकार है कि वो लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए धर्म परिवर्तन के अवैध कार्यों पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बना सके। धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को और कठोर बनाया जाए, धर्म परिवर्तन कर गलत तरीके से एससी/ओबीसी आरक्षण का लाभ लेने वालों को दंडित किया जाए। दूसरे धर्म में जाने के इच्छुक व्यक्ति को 60 दिन पहले कलेक्टर के सामने सूचना देना अनिवार्य किया जाए। जिला कलेक्टर धर्म परिवर्तन के वास्तविक कारणों की जांच करें। धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति को भी कलेक्टर के सामने आवेदन देना अनिवार्य हो। बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव डालकर, प्रलोभन देकर या विवाह के जरिए धर्मांतरण करने पर कठोर दंड का प्रावधान हो। गौ हत्या और गौ तस्करी के खिलाफ बने सख्त कानून, बीफ (गौ-मांस) की बिक्री, परिवहन या भंडारण करने पर न्यूनतम 1 साल और अधिकतम 10 साल तक की सजा हो। मवेशियों के अवैध परिवहन और बिक्री में संलिप्त पाए जाने पर 7 साल की सजा और इस अपराध के प्रयास मात्र पर भी 3 साल की सजा का प्रावधान हो।