रायगढ़। विगत दिनों ट्रक की चपेट में आने से एक ग्रामीण का फेफड़ा और आंत बाहर निकल गया था, साथ ही पसली की हड्डी भी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे वह अस्पताल पहुंचते तक अंतिम पड़ाव में पहुंच गया था, लेकिन मेडिकल कालेज अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल सजर्री कर आंत व फेफड़ा को फिर से प्रत्यारोपित किया गया, जिससे अब उक्त मरीज लगभग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका है, इससे अब बहुत जल्द उसे अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिले में आए दिन हो रहे सडक़ हादसे में किसी की मौत हो जाती है तो कोई अस्पताल के बेड पर उपचार के दौरान दम तोड़ देता है, लेकिन इन हादसों में एक ग्रामीण ने जिंदगी की जंग को जीत लिया है। ऐसे में चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम लोईंग निवासी मोहन राणा (50 वर्ष) विगत 14 फरवरी की शाम रायगढ़ से लोइंग जा रहा था, इस दौरान गांव के समीप एक तेज रफ्तार ट्रक चालक ने उसे अपने चपेट में ले लिया, उक्त हादसा इतना भयावह था कि मोहन राणा के बायं ओर का फेफड़ा और आंत बाहर निकल गया था साथ ही सीने का पसली भी टूट चुकी थी, जिससे उसे सांस लेने में भी समस्या आ रही थी, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा उक्त ग्रामीण को आनन-फानन में उसे उपचार के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचाया गया, जिसे आपातकालिन में भर्ती करते हुए इसकी सूचना अस्पताल के अधिकारियों को दिया गया, जिससे डीन डॉ. विनित जैन व अधीक्षक डॉ. मनोज मिंज के मार्ग दर्शन में उसे तत्काल सर्जरी और निश्चेतना विभाग टीम ने मरीज मोहन राणा को सर्जरी के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर जांच किया तो पता चला कि उसके बड़ी आत में छेद भी हो गया था, जिससे डायाफ्राम का बड़ा हिस्सा नष्ट होने से उसे रिपेयर किया गया। साथ ही मरीज के गंभीर अवस्था में रहने के बावजूद करीब 5 घंटे तक उसकी सर्जरी चला, तब जाकर फेफड़ा व आंत को उसके जगह में स्थापित किया गया, फिर आई.सी.यू. भर्ती करते हुए उसका गहन उपचार शुरू किया गया। साथ ही उक्त मरीज के देख-रेख के लिए करीब तीन दिन तक विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम उसके देख-रेग में लगे रहे, तब जाकर 17 फरवरी को मरीज की स्थिति में सुधार होता नजर आया तब डाक्टरों ने राहत की सांस ली।
अब स्थिति में लगातार हो रहा सुधार
इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि जिस स्थिति में उक्त मरीज अस्पताल पहुंचा था, उसका बचना काफी मुश्किल था, लेकिन अब सर्जरी के बाद लगातार सुधार हो रहा है। साथ ही साथ ही 18 फरवरी से वह अपना दैनिक कार्य भी खुद से करना शुरू कर दिया है। जिससे अब आईसीयू से निकालकर वार्ड में शिफ्ट किया गया है, ऐसे में बताया जा रहा है कि अगर इसी तरह से रिकव्हर होता रहा तो सप्ताहभर के अंदर उसे डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा, जिससे वह फिर से अपनी गृहस्थि में लग जाएगा।
इन डाक्टरों की रही विशेष भूमिका
मोहन राणा के आपरेशन में मेकाहारा के सर्जरी टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार हरिप्रिया, डॉ. एसके माने (सह प्राध्यापक), डॉ. खेम सागर पटेल (सहायक प्राध्यापक), डॉ नेहा श्रीवास्तव (सीनियर रेसिडेंट), निश्चेतना टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. ए.एम. लकड़ा, डॉ. लक्ष्मी यादव, डॉ अमितेश पाण्डेय व डॉ हरप्रीत साहू की अहम भूमिका रही।
हादसे में घायल ग्रामीण को मेकाहारा में मिला नया जीवन
ट्रक की चपेट में आने से फेफड़ा व आंत निकल गया था बाहर आधा दर्जन विशेषज्ञों की टीम ने किया सफल आपरेशन
