रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आज भी कई गांव ऐसे है जहां के ग्रामीणों को मूलभूत समस्याओं से जूझना पड रहा है। आलम यह है कि शासन-प्रशासन के अलावा मुख्यमंत्री तक से गुहार लगाने के बावजूद उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। धरमजयगढ़ विधानसभा में जंगलों के बीच बसे छुहीपहाड़ गांव में सडक नही होनें की वजह से यहां के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छुहीपहाड़ का आश्रित ग्राम क्रिन्धा का यह नजारा है, जहां एक पहाड़ी कोरवा चमरू राम कोरवा की तबियत खराब होनें की स्थिति में उसे अस्पताल ले जाने दो युवकों के द्वारा झऊहा की मदद से छुहीपहाड से नीचे उतारा जा रहा है। यहां के रहवासी बताते हैं कि कई सालों से यहां की सडक़ बहुत जर्जर है जिस वजह से एंबुलेंस गांव तक नही पहुंची है जिससे यहां के रहवासी ही देशी जुगाड के जरिये बीमारी लोगों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं। यह कोई पहला मामला नही है जब किसी की तबियत खराब होनें पर उसे झऊहा से कई किलोमीटर पैदल चलकर उसे अस्पताल ले जाया जाता है। जब भी यहां किसी की तबियत खराब होती है यहां ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है।
शासन-प्रशासन के अलावा पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री को भी अपनी समस्या से अवगत कराने के बावजूद आज तलक उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। गांव के ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्होंने सांसद राधेश्याम राठिया के अलावा अपने क्षेत्र के विधायक को भी सडक़ बनवाने आवेदन दे चुके हैं, लेकिन उनके द्वारा भी उन्हें मात्र आश्वासन दिया गया है।
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव की सडक़ जर्जर होनें की वजह से ग्राम पंचायत क्रिन्धा, छुहीपहाड़, सिरडाही, चापकछार, खामखां, खोमरीपानी, धवईपानी, बडखाडाड, घटवन के अलावा ग्राम पंचायत पटकुरा के ग्रामीणों को हो रही परेशानियों से निजात मिल सकती है।
आजादी के बाद भी आदिवासी अंचलों में सुविधाओं का अभाव
