रायगढ़। वार्ड नंबर 19 का चुनाव हाई प्रोफाइल चुनाव बन गया और इस सीट की बड़ी जीत ने भाजपा को अयोध्या की सीट जीतने जैसा सुखद एहसास कराया। भाजपा के कद्दावर नेता सुरेश गोयल की टिकट फायनल होते ही उनके धुर विरोधियों सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने सधी हुई रणनीति के तहत सुरेश गोयल की घेराबंदी शुरू कर दी थी। आशीष शर्मा की जगह शालू अग्रवाल को टिकट देकर कांग्रेस ने भाजपा एक जातिय समीकरण में सेंध लगाने का भरपूर प्रयास किया ।शालू के आक्रामक शैली ने भाजपा के रणनीतिकारों के माथे में परेशानी के बल ला दिए। कांग्रेस इस सीट में भाजपा के कद्दावर नेता को परास्त कर आगामी विधान के लिए भाजपा को खतरे का संकेत देना चाहती थी। शालू को मातृ शक्ति के रूप में पेश कर कांग्रेस में शालू को वार्ड की बेटी और बहु बताकर भावनात्मक प्रचार किया।पिता को आराम देवे और बहु को काम देवे जैसी बाते प्रचारित की गई।कांग्रेस भले ही चुनाव नहीं जीत पाई लेकिन दिल जीतने में कामयाब तो हो ही गई। मतदान के पूर्व तक सुरेश गोयल की सुनिश्चित का दावा करना कठिन हो गया था। भाजपा को यह भी एहसास हो गया था कि जीत को लेकर उसकी राह कठिन हो सकती है। मतदान के 72 घंटे पूर्व सुनील लेंध्रा की एंट्री ने चुनाव का परिदृश्य ही बदल कर रख दिया। इस सीट में उनकी भूमिका भाजपा के लिए संकट मोचन की रही । सही मायने में वे जीत के हीरो रहे। चुनावी राजनीति से परहेज रखने वाले सुनील आत्मीय संबंधों को सदा तरहीज देते रहे है। यही वजह है कि इस चुनाव में वॉर्ड की जनता ने सुनील के आत्मीय संबंधों पर मुहर लगाई है। सुनील की शालीनता मधुरता आत्मीयता कांग्रेस पर भारी पड़ गई। सुरेश गोयल के लिए संभावित खतरे को भाप कर उन्होंने प्रचार की कमान संभाली और मतपेटी खुलते ही सुरेश गोयल बड़ी जीत के रथ पर सवार हो गए। 19 नंबर वार्ड के चुनाव परिणाम ने यह बता दिया कि अग्र समाज में सुनील के आत्मीय संबंधों की जड़े कितनी गहरी है। अग्र समाज सुनील को दल की बजाय दिल से चाहता है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद फैजाबाद में लोकसभा चुनाव के दौरान अयोध्या विधान सभा में भाजपा के पिछडऩे पर कांग्रेस ने इसे पूरे देश में प्रचारित करते हुए तंज कसा कि राम को लाने का दावा करने वाले अयोध्या में क्यों पिछड़ गए। वार्ड नंबर 19 की सीट में भाजपा की जीत से कांग्रेस खेमे में सन्नाटा छा गया और सुनील के व्यक्तिगत प्रयासों से मिली बड़ी जीत ने भाजपा को अयोध्या सीट जीतने जैसा सुखद एहसास करा ही दिया।