खरसिया। मंगलवार को गुरुद्वारा के पास एक गौमाता बेहद तकलीफ़ में थी। जिसके पेट में बच्चा था और वह मर चुका था। ऐसे में गौमाता बच्चे को बाहर निकाल नहीं पा रही थी। कामधेनु गौ सेवा संगठन को जब खबर मिली तो उन्होंने पशु चिकित्सकों से संपर्क किया। चिकित्सकों ने जांचकर बताया कि गाय के पेट में उसके बच्चे की मौत हो गई है और बच्चे की साइज़ बहुत बड़ी है। गाय के पेट से बच्चे को निकालने का बहुत प्रयत्न किया गया। परन्तु भरसक प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिली। अंत में आपरेशन कर गौमाता को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया। करीब चार घंटे के अथक परिश्रम के बाद आपरेशन सफल हुआ और गौमाता सुरक्षित बच सकी। वही बच्चे का अंतिम संस्कार पूर्ण विधि-विधान से कामधेनु गौसेवा संगठन ने किया। कामधेनु गौसेवा संगठन के प्रमुख राकेश केशरवानी ने बताया कि बच्चा तो चला गया था, लेकिन थोड़ा और विलम्ब होने पर गौमाता के प्राण भी जा सकते थे। क्योंकि पेट में मरे हुऐ बच्चे से पूरे शरीर में पॉयजन फैल जाता है। सही समय में उपचार कर गौमाता की जान बचा ली गई। इस सेवाकार्य में खरसिया पशु विभाग के जिलाप्रभारी डॉ.दिलीप पटेल, डॉ. दीपक पटेल, जयशंकर पटेल, गौसेवक पुष्पांकर पटेल, गौसेवक राकेश केशरवानी, लम्बोदर मानिकपुरी, प्रभात तिवारी, हर्ष शर्मा, माधव शर्मा, शनि मानिकपुरी के साथ गौ सेवा संगठन की अन्य सदस्य भी शामिल रहे।