* हथियारबंद बदमाशों ने बैंक मैनेजर को चाकू से किया घायल
* कर्मचारियों को मारपीट कर बनाया बंधक
* आधा घंटे तक करते रहे लूटपाट
* 7 हेलमेटलेस बदमाश वारदातकर हुए फरार
* अब तक नहीं लगा कोई सुराग
रायगढ़। शहर के लक्ष्मीपुर चौक से ढिमरापुर चौक का यह मार्ग लुटेरों बदमाशों व डकैतों के निशाने पर है। 13 वर्ष पूर्व आईसीआईसी बैंक में चार नकाबपोशों ने 72 लख रुपए की सनसनीखेज लूट की थी। ठीक इसी तर्ज पर आज मंगलवार की सुबह 7 हथियारबंद कुख्यात बदमाशों ने बजाज शोरूम से लगे एक्सिस बैंक में धावा बोल दिया और बैंक मैनेजर, कैशियर सहित अन्य कर्मचारियों से मारपीट करते हुए पहले तो उन्हें बंधक बनाया और फिर उनसे जोर जबरदस्ती कर लाकर की चाबियां लेकर करीब आधे घंटे तक बड़े ही इत्मीनान से नोटों के बंडल वह जेवरात बैग में भरे और करीब 5 करोड़ 62 लाख के बैंक डकैती को अंजाम देकर रफुचक्कर हो गए।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक शहर का ढिमरापुर मार्ग पर बजाज शोरूम से लगे एक्सिस बैंक में आज सुबह करीब 9.00 बजे सात हेलमेटधारी हथियारबंद डकैतों ने धावा बोल दिया। बताया जाता है कि सुबह 9.00 बजे जैसे ही बैंक मैनेजर व उनके साथ मौजूद कर्मचारियों ने बैंक का शटर उठाया और जैसे ही वे अंदर गए कि तुरंत बाद एक-एक करके हेलमेटधारी हथियारबंद बदमाश बैंक के अंदर घुस गए। इन बदमाशों ने कर्मचारियों को सबसे पहले कवर किया और फिर बैंक मैनेजर से चाकू की नोक पर लाकर की चाबियां मांगने लगे। बैंक मैनेजर द्वारा ना-नुकुर करने पर बदमाशों ने उनके साथ न केवल मारपीट की बल्कि चाकू से उन पर हमला कर घायल कर दिया। मौत के डर से बैंक मैनेजर ने इन बदमाशों को लाकर की चाबी दे दी। चाबी मिलते ही बदमाशों ने लाकर खोला और नोटों के बंडल बैग में भरने लगे। इस बीच एक बदमाश ने बैंक के कैशियर से उसके लाकर की चाबी मांगी तो भयभीत कैशियर ने भी अपने लाकर की चाबी दे दी। उक्त लाकर को भी खोलकर एक अलग बैग में नोटों का बंडल भरे गए इस बीच बैंक का दूसरा कैशियर जिसे घटना की भनक नहीं थी, वह रोजाना की तरह अंदर आ गया, बदमाशों ने उसे भी अपनी चपेट में ले लिया और उससे भी लाकर की चाबी लेकर जमकर लूटपाट की। ये लुटेरे करीब आधे घंटे तक फिल्मी अंदाज में आतंक फैला कर लूटपाट को अंजाम देते रहे और करीब 7 बैग में नोटों का बंडल व गोल्ड लोन की तहत रखें जेवरात भरकर वहां से रफुचक्कर हो गए। बैंक के अंदर एक कमरे में बंधक बने कर्मचारी को जब इस बात का आभास हुआ कि डकैत चले गए हैं तब उन्होंने डायल 112 में तत्काल इसकी सूचना दी लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
शहर के पाश इलाके में स्थित एक्सिस बैंक में दिनदहाड़े हुई करोड़ो की सशस्त्र डकैती होने की वारदात थोड़ी ही देर में आज की तरह पूरे शहर में फैल गई और जिले का पुलिस कप्तान सहित उनकी टीम के मौके पर पहुंचते पहुंचते शहर के चारों ओर नाकेबंदी कर दी गई। डीआईजी रामगोपाल घर एसएसपी सदानंद कुमार सहित साइबर टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया और डकैती की घटना में घायल बैंक मैनेजर को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। इस दौरान बैंक मैनेजर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था प्रारंभिक उपचार के बाद जिला पुलिस ने के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैंक मैनेजर व अन्य बैंक कर्मियों से पूछताछ शुरू की साथ ही बैंक व बैंक के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को भी ्रखंगाला गया। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हेलमेट पहनकर चेहरा छुपाए बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान पुलिस ने खोजी कुत्ता बुलाया और उसके माध्यम से डकैत किस और भागे हैं यह पता लगाने की कोशिश की। बताया जाता है कि वह रामभाठा की ओर गया और एक घर में भी घुसा था। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस वारदात को अंजाम देने वाले डकैतो का कल लोकल कनेक्शन होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
नाकेबंदी व पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस को खरसिया मार्ग पर एक बाइक लावारिस स्थिति में मिली जिसकी जांच करने पर वह बाइक चोरी की निकली और जिसका नंबर भी फर्जी था इस बाइक से पुलिस को आगे बढऩे का एक कुल्लू जरूर मिला है। जो झारखंड प्रांत की ओर इशारा कर रहा है। खबर लगते ही बिलासपुर रेंज के आईजी अजय यादव रायगढ़ पहुंचे और उन्होंने घटना स्थल एक्सिस बैंक का मौका मुआयना किया। साथ ही बैंक के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ घटना के संबंध में बातचीत की। जिससे उन्हें लूट की रकम व आभूषणों की जानकारी मिली। आईजी अजय यादव ने बताया कि फोरेंसिक टीम व बैंक के ऑपरेशन मैनेजर की निगरानी में हुई लूट की रकम की गणना की गई है। जिसमेें 4 करोड़ 19 लाख 46 हजार की नगद राशि व 78 पैकेट्स में लोन हेतु गिरवी रखे गए कुल 2.917 किलोग्राम के सोने के आभूषण जिनका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 1 करोड़ 43 लाख 9हजार 170 रुपए है। इस तरह कुल लूटी गई मसरूका 5 करोड़ 62 लाख 55 हजार 170 रुपए का आंकलन किया गया है।
आईजी अजय यादव ने बताया कि बैेंक राबरी के संबंध में पड़ोसी राज्य झारखंड, बिहार व ओडिशा प्रांत के सीमावर्ती जिलों की पुलिस से संपर्क साधा गया है और सीसी टीवी कैमरे से निकाले गए फुटेज उनके साथ सांझा कर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
13 साल पहले हुई थी आईसीआईसी बैंक में लूट
लगभग 13 वर्ष पूर्व अक्टूबर 2010 में इसी क्षेत्र ढिमरापुर मार्ग पर स्थित आईसीआईसी बैंक में सुबह के ही समय 4 हथियारबंद लूटेरेों ने गार्ड पर गोली चलाकर बैंक के अंदर धुस गए और करीब 72 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए थे। बताया जाता है कि छह माह बाद पुलिस आरोपियों तक तो पहुंच गई थी, परंतु मात्र 50 हजार रुपए ही बरामद कर पाई थी।
लावारिस हालत में बरामद हुई बदमाशों की बाइक
आईजी अजय यादव ने बताया कि जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन भी किया गया है। साथ ही दूसरे राज्यों की पुलिस से भी बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि बदमाश जिस बाइक से भागे उसे खरसिया रोड के पास से लावारिस हालत में बरामद कर लिया है। बाइक चोरी की होने की आशंका है। उस पर लिखी नंबर प्लेट भी फर्जी निकली है।
छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा, झारखंड में अलर्ट
आईजी ने बताया कि वारदात को लेकर ओडिशा और झारखंड के डीजी से लगातार बातचीत की जा रही है। इस बात की आशंका है कि बदमाशों ने वारदात के पहले रेकी की थी। शहर से आने-जाने वाले मुख्य मार्गों पर नाकेबंदी कर बदमाशों की तलाश की जा रही है। रायगढ़ के अलावा कोरबा, जशपुर, जांजगीर सहित ओडिशा पुलिस को भी अलर्ट किया गया है।
बैंक मैनेजर हुए हमले में घायल
दिनदहाड़े घटी इस डकैती की वारदात फिल्मी कहानी से मिलती जुलती है. बडे आराम से हेलमेट पहनकर डकैत बैंक के पास पहुंचते हैं और एक-एक करके दाखिल होते हुए अंदर बैंक मैनेजर को सबसे पहले बंधक बनाकर उस पर हमला करते हुए चाकूओं से गोद देते हैं और फिर उसके बाद बैंक में रखे करोड़ों के गहने और नगद रकम लेकर फरार हो जाते हैं. मजे की बात यह है कि सुबह 10 बजे के घटी इस घटना को घंटों बीते चुके हैं, लेकिन पुलिस को अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. हैरानी बात यह भी है कि पुलिस के बड़े अधिकारी यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि डकैत कितनी राशि लूटकर ले गए हैं.
खुल गई पुलिस पेट्रोलिंग की पोल
रायगढ़ पुलिस समय-समय पर यह दावा करती है कि जिले में अपराधियों को पकडऩे के लिये बकायदा सभी थानों की पुलिस के अलावा पेट्रोलिंग के जरिये अपराधियों पर नजर रखी जाती है. लेकिन एक्सिस बैंक में घटी इस घटना ने पुलिस की कथित चैकसी की पूरी पोल खोल कर रख दी है. सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद भी पुलिस को अभी तक यह सुराग नहीं लगा कि आखिरकार डकैत किस तरफ भागे और उनकी उम्र क्या रही होगी?
कानून व्यवस्था की स्थिति खराब-ओपी
बैंक डकैती को लेकर प्रदेश भाजपा महामंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा दिन दहाड़े बैंक डकैती ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को पोल खोल कर रख दी। इसके लिए ओपी ने ‘कका’ के कुसाशन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में शांति का गढ़ कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ आज कांग्रेसी कुशासन में लुटेरे और माफियाओं के साथ डकैतियों लुटेरों का गढ़ बन चुका है। चाक़ू की नोक पर दिनदहाड़े बैंक से करोड़ों लूटे जा रहे हैं और भूपेश सरकार आंखों में पट्टी बांध कर बैठी है। जांच के उदासीन रवैए की वजह से घटना के बाद 12 घंटे बीतने के बाद भी सुराग नहीं मिल पाया। दिन दहाड़े डकैती से आम जनमानस में असुरक्षा की भावना घर कर रही है।
सुबह डकैती तो शाम को लूट
धरमजयगढ़। जिले के लिए मंगलवार डकैती व लूट की बड़ी घटनाओं का दिन रहा। सुबह जहां हेलमेटलैस हथियारबंद बदमाशों ने शहर के एक्सिस बैंक में धावा बोलकर 5 करोड 62 लाख की डकैती की तो वहीं देर शाम होते तक जिले के धरमजयगढ़ से भी लूट की घटना सामने आई। जहां नकाबपोश बदमाशों ने एक व्यापारी से 3 से 4 लाख रुपए की लूट कर ली। बताया जा रहा है कि, पत्थलगांव के दवा कारोबारी की पिकअप को नाकेबंदी कर आरोपियों ने रोक लिया। यह आरोपी स्कॉर्पियो में बंदूक लेकर आए थे। इस बीच फायरिंग करने की भी खबर है। गोली चलाने के बाद बदमाश कारोबारी से नोटों से भरा बैग लेकर भाग निकले। शिकायत के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि, जांच के बाद ही सही रकम पता चल पाएगी। धरमजयगढ़ एसडीओपी का कहना है कि लूट की सूचना मिली है लेकिन लूट की रकम क्लियर नहीं हुई है। साथ ही लूट की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज का भी सहारा लिया जा रहा है।
नोटों से भरा बैग लूटकर फरार
दरअसल पत्थलगांव के गोयल मेडिकल के कर्मचारी रामलाल और जागेश्वर पिकअप में रायगढ़ जिले के क्षेत्र से दवा बिक्री का कलेक्शन कर लौट रहे थे। धर्मजयगढ़ से निकलते ही 5 किलोमीटर बाद पत्थलगांव की तरफ रोड में जैसे ही वे पहुंचे तभी पीछे से एक स्कॉर्पियो ने आकर उनको रोक दिया। इसके बाद स्कॉर्पियो में मौजूद नकाबपोश बदमाशों ने बंदूक के दम पर उनसे लूट की।