रायगढ़। रविवार की शाम 5 बजे नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रचार थम गया। रैलियां, बाजे की जगह अब डोर-टू-डोर प्रत्याशी प्रचार करेंगे। जानकी काटजू ने प्रचार के अंतिम दिन मॉर्निक वॉक में आए सभी वर्गों से आशीर्वाद मांगा और उसके बाद ताबड़तोड़ जनसंपर्क अभियान किया। जानकी के साथ स्वस्फूर्त महिलाएं जुड़ रही हैं और उन्हें मातृशक्तियों का जबरजस्त आशीष मिल रहा है। विदित हो कि रायगढ़ शहरी क्षेत्र में 70 हजार से अधिक महिला वोटर्स हैं और इसी वोट बैंक से जानकी लगातार अपील कर रही हैं।
अपनी रैलियों में पूर्व महापौर जानकी काटजू अपने कार्यकाल में किए विकास के कार्यों को बता रही हैं और अपनी निडरता से लिए फैसलों को भी। वह लोगों से अपील कर रहीं है कि महापौर बेखौफ, खुद फैसले लेने वाला हो ना कि किसी के कहने पर चलने वाला। अगर वह आपके हित में त्वरित फैसले नहीं ले सकता तो फिर क्या अर्थ ऐसे महापौर का। आपके आशीर्वाद से मैं महापौर बनी और 2 साल कोरोनो के होने के बाद भी बेहतर तरीके से कार्य किया।
मालूम हो जानकी काटजू के कार्यकाल में ही स्वच्छता के लिए रायगढ़ नगर निगम को राष्ट्रीय पुरूष्कार मिला, अमृत मिशन के लिए भी रायगढ़ को सम्मानित किया गया। पूरे प्रदेश में रायगढ़ ऐसा नगर निगम बना जहां राजस्व वसूली समय और सर्वाधिक हुई। निगम कर्मचारियों का वेतन समय से दिया जाता है। जानकी काटजू कहती हैं कि अभी जो आचार संहिता के दौरान सडक़े बन रही हैं उसे जानकी काटजू के कार्यकाल के दौरान स्वीकृत किये गए थे पर भाजपा ने सरकार बनते ही फंड रोक दिए और ऐन चुनाव के समय इसे बनवाकर क्रेडिट ले रही है।
साम-दाम-दंड-भेद सब लगा रही भाजपारू जानकी
जानकी काटजू कहती हैं कि भाजपा के पास कहने के लिए कुछ नहीं है वह बस सपने दिखाकर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रही है। जो नहीं मान रहे उन्हें पैसे का लालच दे रहे इसमें भी नहीं मान रहे भाजपा के लोग धमकी दे रही। वह चुनाव जीतने के लिए साम-दाम-दंड-भेद सभी लगा रही है। अति आत्म विश्वास से लबरेज भाजपा के मंसूबों को लोग समझ रहे हैं। डर की राजनीति को लोग उखाड़ फेकेंगे। कांग्रेस के अंडर करंट से भाजपा को झटका लगेगा। लोगों ने अपना मन बना दिया वह किसी रबर स्टांप को अपना महापौर नहीं बनाएगी अपने बेटी को एक बार फिर से महापौर बनाएगी।
निर्विवाद रहा जानकी का कार्यकाल
जानकी काटजू के कार्यकाल से पहले रायगढ़ नगर निगम में कई बड़े घोटाले हुए। जिनमें नाली और ओडीएफ घोटाला काफी चर्चित रहा। निगम में खुलेआम कमीशन का खेल चल रहा था पर जानकी काटजू के महापौर बनते है इन सबपर लगाम लगा। जानकी के पांच साल के कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। पूरा कार्यकाल निर्विवाद रहा। कोरोना में दो साल जाने के बाद भी जानकी ने विकास कार्य किए। शहर विकास के लिए उन्होंने बेखौफ निर्णय लिए। उन्होंने विकास के आगे राजनीति को तहजीह दी। वार्ड चाहे भाजपा पार्षद का हो या फिर कांग्रेस का काम नहीं रोका। इस कारण कई बार वह अपने नेताओं के राडार पर आईं पर इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ा।
70 हजार मातृशक्तियों का जानकी को मिलेगा वरदान
जनता उखाड़ फेकेगी धनबल, बाहुबल की राजनीति को - जानकी, सभी समाज व वर्ग का जानकी को मिल रहा अपार समर्थन
