रायगढ़। हमें बंधक बनाया गया है. हमारे साथ मारपीट की जा रही है.यहां मजदूरों को प्रताडि़त किया जा रहा है. करीब 120 मजदूर रायगढ़ से तेलंगाना आए थे, काम की तलाश में, लेकिन यहां हम सभी को बंधक बना लिया गया है। ऐसा आरोप लगाया है तेलंगाना में बंधक छत्तीसगढ़ के श्रमिकों ने बंधक मजदूर और शिल्पकारों ने अपना दर्द अपने परिजनों से साझा किया है। वहीं, बंधक बनाए जाने कि खबर सामने आने के बाद मजदूरों के परिजनों ये जानकारी मीडिया से साझा की। मिली सूचना के अनुसार, तीन माह पहले ये सभी मजदूर तेलंगाना गए थे। वहीं, ईंट भ_े में आठ लोगों के फंसे होने की भी जानकारी मिली है।
सभी मजदूर रायगढ़ जिले के एकताल के रहवासी हैं. तेलंगाना ईंट भट्टी में काम करने गए थे, शिल्पकार और मजदूर. वहीं, नवीन झारा (38) की मौत हो गई है। मजदूर की मौत के बाद परिवार में मातम का माहौल है. नवीन की पत्नी का आरोप है कि उसके पति की मृत्यु अत्यधिक काम और खराब परिस्थितियों के कारण हुई. बताया जा रहा है कि मृतक समेत अन्य मजदूरों को लगातार कई घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. परिवार का कहना है कि अगर समय पर मदद मिलती, तो शायद नवीन की जान बच सकती थी। नवीन झोरका का शव पोस्टमार्टम के बाद रायगढ़ के एकताल गांव लाया गया, जहां परिवार में गम का माहौल है। गांववालों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश है।
एकताल गांव कला और पलायन की हकीकत
एकताल गांव अपनी झारा शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है. यहां के कई ग्रामीणों को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री से सम्मान मिल चुका है. बावजूद इसके, गांव में रोजगार के सीमित अवसरों के कारण लोग पलायन को मजबूर हैं. अच्छी नौकरी और आजीविका के अभाव में सैकड़ों ग्रामीण हर साल दूसरे राज्यों में ईंट भट्टों और निर्माण कार्यों में काम करने के लिए जाते हैं.
परिजनों ने सरकार से मदद की लगाई गुहार
तेलंगाना के रामगुंडम जिले के पेदापल्ली में ईंट भट्टे का मामला बताया जा रहा है. पीडि़त श्रमिकों के परिजनों ने जिला प्रशासन सहित वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मदद की गुहार लगाई है. हालांकि इस मामले पर अभी पुलिस का कोई आधिकारिक बयान खबर लिखे जाने तक सामने नहीं आया। तेलंगाना में फंसे रायगढ़ के ये मजदूर किसी भी तरह अपने गांव वापस लौटना चाहते हैं. उन्होंने राज्य प्रशासन, पुलिस और रायगढ़ विधायक एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मदद की अपील की है. ग्रामीणों के परिजनों ने भी शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके अपनों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाए।
जहां मौत हुई, बड़ा भाई अभी वहीं फंसा
गांव के झारा परिवार के मुखिया धनीराम झारा ने बताया कि मृतक के परिवार में 4 लोग हैं। नवीन का बड़ा भाई जुजेष्टी झारा अभी भी वहीं फंसा हुआ है। उसे नहीं आने दे रहे हैं। ठेकेदार मजदूरों से मारपीट करता है। वहीं सत्य कुमार झारा ने बताया कि उसके भाई नारायण झारा, बेटा गिरधारी, कन्हैया, बहू पूजा और कुमकुम के अलावा 2 नाती दिवाली के समय काम करने गए थे, लेकिन ठेकेदार ने मोबाइल छीन लिया था, जिस वजह से किसी से बात तक नहीं हो पाती थी। वहीं सरपंच हिमांशु चौहान ने बताया कि वे प्रशासन से शिकायत की गई है। वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए आश्वासन मिला है। साथ ही झारा परिवार को मनरेगा और अन्य कार्यों में काम के लिए प्रशासन से मदद मागी गई है, ताकि ये पलायन करने को मजबूर न हों।
कलेक्टर बोले- मामला प्रशासन के संज्ञान में आया है
कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने बताया कि सूचना मिली है कि एकताल गांव के कुछ लोगों से उनकी मर्जी के बगैर काम लिया जा रहा है। लेबर डिपार्टमेंट इस पर कार्रवाई करेगा। हालांकि मजदूरों को कोई ठेकेदार परेशान करे तो तत्काल प्रशासन को जानकारी देनी चाहिए।
पत्नी का आरोप : इतना काम कराया कि चली गई जान
तेलंगाना में रायगढ़ के 120 से ज्यादा मजदूरों को बनाया गया बंधक, मारपीट व प्रताडऩा का आरोप, परिजनों को बताई आपबीती
