रायपुर। वक्फ बोर्ड के नाम पर जितनी भी प्रॉपर्टी है, सभी की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। कहां कितनी संपत्ति है, इसकी जानकारी मांगी गई है। इसे डिजिटल रिकॉर्ड में अपडेट किया जाएगा। संपत्ति की जानकारी छिपाने वालों या कब्जा करने वालों पर बोर्ड कार्रवाई भी करेगा। वक्फ के पास प्रदेशभर में 5000 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी है। चि_ी में सभी जिलों के मुतवल्लियों से मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों, कब्रिस्तानों, दुकानों, कृषि भूमि, स्कूलों, और प्लॉट्स की जानकारी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इन दस्तावेजों को 12 फरवरी तक भेजने को कहा गया है। वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा करने के लिए इनकी जानकारी सेंट्रल पोर्टल में अपलोड की जाएगी।
संपत्ति की जानकारी को लेकर निर्देश केंद्र सरकार की ओर से आए हैं। पिछले दिनों संयुक्त संसदीय समिति वक्फ, लोकसभा सचिवालय और सचिव भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने ये एक्शन लिया है। वक्फ की संपत्तियों का डिजिटाइजेशन आईआईटी दिल्ली करेगा।
डॉ सलीम राज ने बताया कि वक्फ के पास छत्तीसगढ़ में 5 हजार करोड़ की संपत्ति है। इसमें से 90 फीसदी पर कब्जा है। रिकॉर्ड निकाले जा रहे हैं, अवैध कब्जों से संपत्ति को खाली करवा कर इसे सही उपयोग में लाया जाएगा, इस दिशा में काम हो रहा है। कुछ महीने पहले तक बोर्ड के अध्यक्ष रहे सलाम रिजवी ने भी दैनिक भास्कर को बताया था कि कब्जे की वजह से वक्फ बोर्ड की आय का बड़ा नुकसान हो रहा है।
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सलाम रिजवी बताते हैं कि, शहर में 3 हजार 500 करोड़ और ग्रामीण इलाकों में 1 हजार 500 करोड़ की संपत्ति है। बोर्ड के अफसरों के अनुसार, रायपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर, मुंगेली, धमतरी, दुर्ग सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 2006 संपत्तियां हैं।
छग वक्फ की 5 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी होगी सार्वजनिक
बोर्ड ने डिजिटाइजेशन के लिए मुतवल्लियों से मांगी जानकारी
