रायपुर। आरंग स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल में जमकर बवाल हुआ है। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के पैरेंट्स का आरोप है कि बच्चों को सीबीएसई बोर्ड के तहत पढ़ाई के लिए एडमिशन करवाया गया। अब स्कूल मैनेजमेंट 5वीं और 8वीं क्लास के बच्चों को सीजी बोर्ड के तहत एग्जाम दिलवा रहा है। कई पैरेंट्स ने स्कूल में हंगामा किया। पालकों ने कहा कि, स्कूल प्रबंधन उनके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। इस मामले में स्कूल प्रबंधन सरकार के बदले गए नियमों का हवाला दे रहा है। वहीं रायपुर डीईओ का कहना है कि इस मामले में स्कूल को नोटिस दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर बच्चों के पैरेंट्स गौरव चंद्राकर और तिलक देवांगन ने बताया कि, आरंग के कृष्णा पब्लिक स्कूल के प्रबंधन ने एडमिशन के समय सीबीएसई से मान्यता होने की बात बताई थी। इस पर बच्चों का एडमिशन इस स्कूल में करवाया। स्कूल में सीबीएसई के पाठ्यक्रम और सुविधा देने के लिए महंगी फीस भी वसूल की। अब पांचवीं और आठवीं के एग्जाम से पहले बच्चों को सीजी बोर्ड से परीक्षा देने की बात कह रहे हैं। बच्चों को साल भर पढ़ाई सीबीएसई के पैटर्न और सिलेबस में ही कराई गई है। पालकों का कहना है कि, अब अचानक सीजी बोर्ड से बच्चे कैसे परीक्षा दे पाएंगे। दोनों का एजुकेशन सिस्टम से लेकर एग्जाम का पैटर्न ही अलग है। पैरेंट्स का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने सैकड़ों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने धोखे में रखकर एडमिशन करवाया है।
इस मामले में केपीएस स्कूल के संचालक अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि जो होम एग्जाम है उसे होल्ड पर रखा जाएगा। जो सीजी बोर्ड का एग्जाम रहेगा जिसकी टाइम टेबल आई है बच्चे इस एग्जाम को देंगे। अगले सत्र से बच्चों को नवा रायपुर स्थित स्कूल की ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान होगा उसे एक्स्ट्रा क्लास लगाकर कवर करवाया जाएगा। इस मामले में रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने कहा कि कृष्णा पब्लिक स्कूल आरंग में जो समस्या आई है, फिलहाल उसकी डिटेल जानकारी नहीं है। इस मामले में पूछताछ कर रहे हैं। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन को नोटिस भी दिया जा रहा है। जिससे स्थिति साफ हो पाएगी। इस मामले में पैरेंट्स की मांग है कि स्कूल प्रबंधन बच्चों को अपने दूसरे ब्रांच से ष्टक्चस्श्व की परीक्षा दिलवाए। इस पर रायपुर ष्ठश्वह्र का कहना है कि यदि बच्चा साल भर एक स्कूल में पढ़ रहा है तो यह नियम के खिलाफ है कि वह परीक्षा स्कूल के किसी दूसरे जगह से दे।