सारंगढ़। महेन्द्र अग्रवाल पिता श्री सीताराम अग्रवाल सारंगढ़ का मूल निवासी हूँ यह कि – मेरे नाम एवं मेरे परिवार के नाम से ग्राम कुटेला, खम्हारडीह, फर्सवानी, बेलटिकरी में कृषि भूमि स्थित है उक्त कृषि भूमियों में प्रार्थी कृषक कृषि कार्य कर उक्त हुए फसल को विधिवत् विक्रय करने हेतु पंजीयन कराकर 31जनवरी 25 को समय लगभग 1 बजे विक्रय करने हेतु कृषक महेन्द्र अग्रवाल धान विक्रय केन्द्र सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत ग्राम झरपडीह पहुंचा था और अपने साथ लाये धान को विधिवत् रूप से विक्रय करना चाहा उक्त स्थल पर सह. निरीक्षकै राजेन्द्र मेहर के द्वारा कृषक के साथ दुर्व्यवहारकर कृषक एवं उसके परिजनों के नाम से कटे टोकन गलत है धान आपका नहीं लिया जाएगा यह कहकर जोर जोर से चिल्लाकर जहाँ जाना है जहां शिकायत करना है कर लो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता मैं जिसका चाहूंगा उसका धान क्रय विक्रय होगा तुम कृषक नहीं लग रहे हो तुम्हारा धान किसी भी स्थिति में खरीदी नहीं करेगें यह कहकर जोर जोर से चिल्लाकर कृषक महेन्द्र अग्रवाल को कई व्यक्तियों की उपस्थित में मुझे मानसिक रूप से अपमानित व प्रताडि़त किया जबकि कृषक महेन्द्र अग्रवाल ने सहकारिता निरीक्षक राजेन्द्र मेहर को यह भी कहा कि – मैं अपनी पत्नी के बीमारी का उपचार कराने के लिये हैदराबाद गया था। इसलिये समयावधि में आज मैं धान विक्रय करने आया हूँ। उक्त घटना से कृषक महेन्द्र अग्रवाल के मन: स्थिति प्रभावित हुई लोगों में कृषक महेन्द्र अग्रवाल की मानहानी हुई है जिसकी परिपूर्ति किया जाना संभव नहीं है ऐसी स्थिति में कृषक महेन्द्र अग्रवाल को किये गये अभद्रता पूर्वक कार्य के संबंध में सहकारिता निरीक्षक राजेन्द्र मेहर के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करेंगे। ताकि कोई अन्य कृषक के साथ इस प्रकार सहकारिता निरीक्षक राजेन्द्र मेहर दुर्व्यवहार कर मनमानी पूर्वक , नियम विरुद्ध कार्य न कर सके। सहकारिता निरीक्षक राजेन्द्र मेहर के विरुद्ध शीघ्र कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें का शिकायत पत्र संवेदन शील कलेक्टर धर्मेश साहू को दिये है। इस विषय पर राजेंद्र मेहर का कहना है कि – ऐसी बात मैंने किस से नहीं कही है मैंने कृषक से यह कहा कि 5 बजे की स्थिति तक कृषक महेंद्र अग्रवाल का धान नहीं आया था। मैं पृथक से यह बात भी कहा की आप समिति के अधिकारी कर्मचारी से चर्चा कर लें वे अपने उच्च अधिकारियों को इस विषय की जानकारी दे देंगे।