रायगढ़। तमनार थाना क्षेत्र में मेले के नाम पर खुडखुडिय़ा नामक जुए का खेल जोरों पर चल रहा है। खुडख़ुडिय़ा का खेल एक बार फिर अपने चरम पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में रथ यात्रा के दौरान खुलेआम खेला जाने वाला जुए का यह खेल पुलिस की साख ही नहीं उसके रवैये पर सवालिया निशान है।
उल्लेखनीय है कि पुरी की रथ यात्रा के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में रथ यात्रा का आयोजन शुरू होता है जो एक अर्से तक जारी रहता है। पर इसके बाद भी झूले रथ हो या फिर कोई आयोजन मेला खुडख़ुडिय़ा का खेल आम हो गया है। खुडख़ुडिय़ा एक तरह का जुआ है जो ताश की बजाए अलग तरीके(गोटी/पट्टी) जैसे सामग्री के साथ से खेला जाता है। इसमें भी जुए की तरह दांव लगाए जाते हैं और खेलने वाले अपनी किस्मत आजमाते हैं। रथ यात्रा के आयोजन वाले गांव में रात भर यह खेल चलता है जिसमें बड़ी रकम जुए में दांव पर लगती है।इस साल भी रथयात्रा में खुडख़ुडिय़ा का खेल जोर-शोर से चल रहा है और जुए के बादशाहों को न किसी किस्म का संकोच न कानूनी भय। इससे यह सवाल उठता है कि आखिर पुलिस को क्या गांव-गांव में चल रही इस असामाजिक बुराई की भनक नहीं है। आखिर किसकी सह पर बेखौप बढ़ती जा रही सरेराह जुए का खेल।
विदित हो कि पूर्व में थाना द्वारा तडि़त कार्रवाई करते हुए खुडखुडिया जुआ पर रेड कार्यवाही करने में सफल रही । पर वही दौर जुआडियों ने बेखौफ होकर पुन: जखीरा बना चुकी है अब देखना यह है की अब भी कोई कड़ी कार्यवाही होती है या फिर सरेआम जुआ खेल को संरक्षण मिलता रहेगा।