नई-दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपना विजन पेश कर दिया हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। जिसमें कई बड़े ऐलान किए गए है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने मिडिल क्लास से लेकर किसान, नौजवान सबका ध्यान रखा हैं। साथ ही इस बजट से चुनावी राज्यों को भी साधने की कोशिश की है। बिहार से लेकर असम तक को साधने का दांव खेला है। बिहार के लिए तो छप्पर फाड़ ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कह दिया था कि यह ‘ज्ञान’ का बजट होगा। ‘ज्ञान’ यानी गरीब, युवा, किसान और नारी-शक्ति का।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-2025 पेश कर कर दिया है। निर्मला सीतारमण ने रिकॉर्ड 8वीं बार देश का बजट पेश किया। उन्होंने गोल्डन बॉर्डर वाली क्रीम कलर की मधुबनी पेंटिंग की साड़ी पहनकर बजट पेश कीं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्णकालिक बजट इस बार 50 लाख करोड़ का है। जिसमें महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने का प्रयास किया है। इसके साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में खिसके जनाधार को दोबारा से वापस लाने और चुनावी राज्यों के सियासी समीकरण को भी साधने की कोशिश की है। देश के इस आम बजट में सबसे अहम मिडिल क्लास वालों को बड़ी राहत दी गई है। केंद्र सरकार ने नए टैक्स रिजीम में पुराने स्लैब को बढ़ाकर 12 लाख कर दिया है। दरअसल, मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने में सबसे अहम योगदान मिडिल क्लास का रहा है। ऐसे में सरकार ने मिडिल क्लास का पूरा ध्यान रखा और टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया है। साथ ही 75000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया है। नए टैक्स स्लैब के मुताबिक, चार लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। 3 से 8 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी और 8 से 12 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा। वहीं 12 से 16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत और 16 से 20 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी, 20 से 24 लाख तक 25 फीसदी और 24 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30 प्रतिशथ टैक्स लगेगा। हालांकि सभी छूट के बाद नए टैक्स स्लैब के तहत अब 12.75 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। केंद्र सरकार ने देश की 70 फीसदी आबादी यानी किसानों को साधने और उनकी नाराजगी को दूर करने बड़ा दांव खेला है। किसानों के लिए पीएम धन धान्य योजना का ऐलान किया है। मौजूदा योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से, यह कार्यक्रम निम्न उत्पादकता, मध्य स्तर की फसल घनत्व और औसत से कम ऋण मानकों वाले 100 जिलों को कवर करेगा। यूरिया की किल्लत से राहत देने के लिए असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना करने की घोषणा की है। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। इस तरह देश के किसान पांच लाख रुपये तक लोन बिना ब्याज के ले सकेंगे। राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान बिहार में स्थापित किया जाएगा, जो किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोतरी करेगा। मखाना बोर्ड बनाने का भी ऐलान किया है। वहीं डेयरी-मछली पालने वाले किसानों को 5 लाख तक की क्रेडिट कार्ड देने का ऐलान किया गया हैं। मोदी सरकार ने दलित और आदिवासी समुदाय को साधे रखने के लिए बड़ा दांव चला है। वित्त मंत्री ने दलित और आदिवासी समुदाय की महिलाओं को सशक्त करने के लिए नई स्कीम की घोषणा की है। एससी/एसटी समुदाय की 5 लाख महिलाओं को अगले 5 साल के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन देने की योजना है।
बजट भाषण में युवाओं के लिए क्या खास प्रावधान किया गया है, इसका खास जिक्र नहीं था, लेकिन एजुकेशन और कौशल विकास का ध्यान रखा गया है। केंद्र सरकार ने स्टार्टअप का बजट में बढ़ावा देने का वादा किया है। युवाओं को सस्ते लोन देने की घोषणा की है। देश में खिलौने का ग्लोबल हब बनाया जाएगा। जहां हाई क्वालिटी पर्यावरण अनुकूल खिलौनों का निर्माण किया जाएगा। बजट में रूस्रूश्व से जुड़ी बड़ी घोषणा की गई है। इस सेक्टर के लिए कार्ड जारी करेगी। लोन सीमा पांच करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया है। स्टार्टअप के लिए लोन 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ और मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने की घोषणा की है। साथ ही 5 आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा आईआईटी पटना का विस्तार होगा। छोटे उद्योगों के लिए क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी होंगे।
इस बार के आम बजट से आमजनों को बड़ी राहत दी गई है। मोबाइल, टीवी, इलेक्ट्रिक कार, कपड़े, लेदर जैसे सामान सस्ते होंगे। मोदी सरकार ने 82 सामानों में से सेस हटा दिया है। इसके अलावा कैंसर की 36 दवाइयां सस्ती होंगी। वित्त मंत्री निर्मला ने कैंसर के रोगियों के लिए जरूर 36 दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की है। मोदी सरकार ने बजट 2025 से चुनावी राज्यों के सियासी समीकरण को भी साधने की कोशिश की है। मिडिल क्लास टैक्स स्लैब में राहत को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। क्यों कि राष्ट्रीय राजधानी में सबसे बड़ा वोट बैंक मिडिल क्लास है, जो सत्ता बनाने और बिगाडऩे का दम रखती है। दिल्ली में 67 प्रतिशत आबादी मिडिल क्लास की है, जिसका सालाना कमाई पांच लाख से 30 लाख के बीच है। 2015 में सीएसडीएस और लोक नीति की एक रिपोर्ट में बताया था, जिसमें 71 प्रतिशत मिडिल क्लास हैं। इस तरह केंद्र सरकार ने टैक्स स्लैब में छूट देकर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के 27 साल के सियासी वनवास को खत्म करने का दांव खेला है।
केंद्र सरकार ने बिहार के लिए छप्पर फाड़ ऐलान किया है। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट से लेकर आईआईटी पटना के विस्तार और मखाना बोर्ड बनाने की बात कही है। बिहार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट की स्थापना करने का ऐलान किया। साथ ही तीन ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने की घोषणा की है। बिहार को तवज्जों देने को चुनाव से जोडक़र देखा जा रहा है। क्यों कि इसी साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं।
वहीं असम में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। जहां अभी बीजेपी की सरकार है। असम में अपनी पकड़ को बनाए रखने के लिए राज्य में यूरिया प्लांट की स्थापना करने की घोषणा की है। नामरूप में बनने वाला यह प्लांट 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला संयंत्र होगा। इस फैसले से यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी तो दूसरी असम में रोजगार का भी मौका मिलेगा।