रायगढ़। बसंत पंचमी का त्योहार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इसे बसंत ऋतु के आगमन के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 03 फरवरी को पड़ रही है और उस दिन देशभर में धूमधाम से बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती के अवतरण दिवस के तौर पर बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। पिछले वर्ष के भांति इस वर्ष भी बंगीय समाज रायगढ़ के तत्वाधान में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष माँ सरस्वती पूजा दिनांक 03.02.2025 दिन सोमवार को स्थानीय अभियंता भवन डिग्री कॉलेज के सामने सुबह 9 बजे प्रारम्भ होगा, पूजा उपरांत पुष्पांजलि एवं अन्य कार्यक्रम भी संम्पन किये जायेंगे। प्रसाद एवं भोग वितरण दोपहर 12:30 बजे से प्रारम्भ किया जायेगा।
माँ सरस्वती की प्रतिमा का विषर्जन 4 फरवरी मंगलवार को सुबह 9 बजे किया जायेगा। माता सरस्वती की पूजा माघ शुक्ल पंचमी 3 फरवरी सोमवार को बसंत पंचमी के साथ रेवती नक्षत्र एवं सोद्ध योग के सुयोग में होगी। इसी दिन मां शारदा का आविर्भाव हुआ था। यह पर्व विद्या, बुद्धि, ज्ञान, संगीत व कला की अधिष्ठात्री देवी मां बागेश्वरी को समर्पित है। यह पर्व शिक्षा, वाणी और ज्ञान की देवी, देवी सरस्वती का सम्मान करता है। यह दिन विद्यार्थियों के लिए और भी खास माना गया है। बता दें मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि, संगीत, और रचनात्मकता की देवी कहा जाता है, देवी की उपासना से विद्यार्थियों के कला कौशल में निखार और ज्ञान में वृद्धि होती हैं। बसंत पंचमी या वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस त्यौहार को मनाने वाले लोग पीले रंग की पोशाक पहनते हैं क्योंकि यह रंग फलों और फसलों के पकने का प्रतीक है जो उन्हें कटाई के लिए तैयार होने का संकेत देता है।